
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 – आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो संदेश दिया, वह केवल देश के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद अहम माना जा रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में घोषित टैरिफ नीतियों के बीच, पीएम मोदी ने बिना नाम लिए स्पष्ट किया कि भारत अब आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है और कोई बाहरी दबाव उसे रोक नहीं सकता।
आर्थिक स्वार्थ पर निशाना
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा,
“वैश्विक परिस्थितियों में आर्थिक स्वार्थ दिनोंदिन बढ़ रहा है। मैं 25 साल के अपने शासन के अनुभव से कहता हूं कि यह रास्ता हमने चुन लिया है, तो कोई स्वार्थ हमें अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता है।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत सहित कई देशों पर नए आयात शुल्क और व्यापारिक प्रतिबंधों का संकेत दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह भाषण दुनिया को यह संकेत देने के लिए था कि भारत अपनी आर्थिक नीति और विकास के रास्ते से पीछे नहीं हटेगा।
लाल किले से वैश्विक मैसेज
यह प्रधानमंत्री मोदी का लाल किले से 12वां संबोधन था। उन्होंने राष्ट्रगान और तिरंगे की सलामी के बाद देश और दुनिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने घरेलू उत्पादन, तकनीकी नवाचार और सामरिक साझेदारी के बल पर ऐसी स्थिति में पहुंच गया है कि वह किसी भी आर्थिक दबाव का सामना कर सकता है।
आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव
पीएम मोदी ने बताया कि बीते एक दशक में देश ने कृषि, रक्षा उत्पादन, डिजिटल टेक्नोलॉजी और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में बड़ी प्रगति की है। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियानों को इस बदलाव का आधार बताया।
“हमने ठान लिया है कि हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति हमारे ही कारखानों, खेतों और प्रयोगशालाओं से होगी। यही हमें आत्मविश्वासी और सक्षम बनाएगा।” – पीएम मोदी
ट्रंप के टैरिफ के संदर्भ में बयान
भले ही पीएम मोदी ने अपने संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप का नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक हलकों और आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि यह संदेश सीधे-सीधे हाल ही में अमेरिका द्वारा प्रस्तावित टैरिफ नीतियों के जवाब के तौर पर था। ट्रंप प्रशासन के नए प्रस्तावों के अनुसार, कुछ भारतीय निर्यात उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाने की तैयारी है, जिसे भारत ने पहले ही अनुचित करार दिया था।
सुरक्षा और कूटनीति का संतुलन
प्रधानमंत्री ने आर्थिक चुनौतियों के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीतिक मोर्चों पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा में सक्षम है, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी जिम्मेदार भूमिका निभा रहा है।
देशवासियों में उत्साह और भरोसा
पीएम मोदी के इस संदेश ने देशवासियों में आत्मविश्वास बढ़ाया है। दिल्ली से लेकर गांवों तक लोगों ने इसे भारत के आत्मनिर्भर और मजबूत भविष्य की गारंटी माना। सोशल मीडिया पर #ModiFromRedFort और #IndiaStrong जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी का यह बयान भारत के लिए एक स्पष्ट आर्थिक और राजनीतिक रोडमैप है, जो आने वाले वर्षों में देश की विदेश नीति और व्यापारिक समझौतों को आकार देगा। भारत अब केवल विकासशील देश के रूप में नहीं, बल्कि एक निर्णायक और दृढ़ वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है।