
देहरादून। राजधानी देहरादून में शुक्रवार को अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी और सख्त कार्रवाई की गई। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) और नगर निगम की संयुक्त टीम ने सहारनपुर रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में दुकानों के बाहर किए गए अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया। इस कार्रवाई में करीब 15 से 20 दुकानों से अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाया गया।
दुकानों के बाहर बनी संरचनाएं ध्वस्त
लंबे समय से ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के बाहर पक्के ढांचे खड़े करने और रास्ता घेरकर कारोबार करने की शिकायतें मिल रही थीं। स्थानीय लोगों का कहना था कि इन अतिक्रमणों के कारण न केवल यातायात बाधित हो रहा था बल्कि पैदल चलने वालों और राहगीरों को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।
शुक्रवार को एमडीडीए और नगर निगम की टीम ने इस शिकायत पर एक्शन लेते हुए दुकानों के बाहर बनी पक्की संरचनाओं को ध्वस्त कर जगह खाली कराई। कार्रवाई के दौरान मौके पर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी, ताकि किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या न उत्पन्न हो।
नियम विरुद्ध निर्माणों पर सीलिंग
अभियान केवल दुकानों तक सीमित नहीं रहा। एमडीडीए और नगर निगम ने शहर के अन्य इलाकों में चल रहे अवैध और नियम विरुद्ध निर्माणों पर भी बड़ी कार्रवाई की।
- धौरण रोड स्थित युग रियल एलएलपी (देवेश वयरानी) द्वारा बनाए गए 6 आवासीय भवनों को सील किया गया।
- राजपुर रोड (आईएएस कॉलोनी के पास) नितिन माकिन द्वारा किए गए अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्रवाई की गई।
- जमनिवाला क्षेत्र में संजेश कुमार यादव द्वारा किए गए अवैध निर्माण को भी सील कर दिया गया।
इस कार्रवाई से साफ संदेश दिया गया कि राजधानी में अनियमित और बिना अनुमति के हो रहे निर्माण किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
अधिकारियों के बयान
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने इस मौके पर कहा,
“शहर की खूबसूरती और विकास की मूलधारा को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। नियम विरुद्ध निर्माण और अतिक्रमण किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगे भी ऐसी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।”
वहीं, नगर निगम देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल ने कहा,
“अतिक्रमण और अवैध निर्माण शहर की सुंदरता और यातायात व्यवस्था दोनों को बिगाड़ते हैं। नगर निगम-एमडीडीए मिलकर ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता रहेगा।”
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और राहगीर मौजूद रहे। कई लोगों ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि लंबे समय से ट्रांसपोर्ट नगर में दुकानों के बाहर अवैध कब्जों से परेशान थे।
स्थानीय निवासी सुरेश चौहान ने कहा – “हम रोज़ यहां से गुजरते हैं। दुकानदारों ने आधी-आधी सड़क पर सामान रखकर रास्ता जाम कर रखा था। आज पहली बार राहत मिली है।”
वहीं, कुछ दुकानदारों ने इस कार्रवाई को अचानक बताया और आरोप लगाया कि उन्हें पहले से पर्याप्त नोटिस नहीं दिया गया। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने को लेकर पूर्व में कई बार नोटिस भेजे गए थे, जिन्हें नजरअंदाज किया गया।
अतिक्रमण मुक्त शहर की दिशा में कदम
देहरादून तेजी से विकसित हो रहा शहर है, लेकिन अव्यवस्थित निर्माण और अतिक्रमण इसकी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक हैं। ट्रैफिक जाम, संकरी सड़कें और सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा आम समस्या बन चुकी है।
शहर योजनाकारों का मानना है कि यदि समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। एमडीडीए और नगर निगम की यह संयुक्त कार्रवाई इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भविष्य की योजना
एमडीडीए और नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई एक दिन का अभियान नहीं है, बल्कि इसे निरंतर प्रक्रिया के रूप में चलाया जाएगा।
- हर सप्ताह अतिक्रमण पर समीक्षा अभियान चलाया जाएगा।
- जल्द ही एक हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया जाएगा, जहां नागरिक सीधे अतिक्रमण की शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
- अतिक्रमण मुक्त करने के साथ-साथ शहर की मुख्य सड़कों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी तंत्र भी मजबूत किया जाएगा।
अधिकारियों ने साफ किया है कि शहर को व्यवस्थित और सुंदर बनाने के लिए किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा।
देहरादून में हुई यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण अब और नहीं चलेंगे। जहां एक ओर इस कदम से आम जनता ने राहत की सांस ली है, वहीं शहर में विकास और यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
एमडीडीए और नगर निगम की यह संयुक्त पहल न केवल शहर की सुंदरता को लौटाने का प्रयास है बल्कि आने वाले समय में एक व्यवस्थित, सुरक्षित और स्वच्छ देहरादून की नींव भी साबित हो सकती है।