पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में 1975 में आपातकाल लगाने का ऐलान किया था. आपातकाल के खिलाफ बिहार में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जमकर आंदोलन हुए थे और उस आंदोलन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद शामिल हुए थे और वह आंदोलन के संचालन समिति के संयोजक थे. आपातकाल के दौरान लालू प्रसाद ने आपातकाल का विरोध किया था और जेल भी गए थे. लालू यादव ने कहा कि उनके सहयोगी और वह भाजपा के कई मंत्रियों को बारे में उस समय जानते भी नहीं थे, जो आज आपातकाल के बारे में बोल रहे हैं. जो वर्तमान में स्वतंत्रता पर व्याख्यान दे रहे हैं.
I was the convener of the steering committee that Jayaprakash Narayan—had constituted to carry forward the movement against the excesses of Emergency imposed by the then PM Indira Gandhi. I was in jail under the Maintenance of Security Act (MISA) for over 15 months. My colleagues… pic.twitter.com/9fyThckm01
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) June 29, 2024
आंदोलन के बाद लालू प्रसाद यादवबिहार की सियासत में प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे थे. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टी के नेताओं को जेल में रखा था, लेकिन कभी भी द्रेशद्रोही या राष्ट्र विरोधी नहीं कहा था. आपातकाल लागू करने की 50वीं वार्षिकी ने 18वीं लोकसभा के विशेष सत्र में मोदी सरकार ने निंदा प्रस्ताव लाया और इसे लेकर कांग्रेस पर हमला बोला. तब से फिर से आपातकाल को लेकर बहस तेज हो गई है. उस बहस के बीच लालू प्रसाद ने शनिवार को 1975-77 के आपातकाल के दिनों को लेकर अपनी राय रखी है.