
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव वाले इलाके गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में LAC के पार अपने कब्जे वाली जगह से चीनी सेना भी तीन किलोमीटर पीछे हट गई है। इस बात का खुलासा मीडिया रिपोर्ट्स में दिखाई जा रही सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है। इन तस्वीरों में डिसइंगेजमेंट से पहले और बाद की स्थिति दिखाई गई है। इन तस्वीरों में यह भी सामने आया है कि चीन ने अपने कब्जे वाले इलाके में एक बड़ी सैन्य इमारत का निर्माण भी कर लिया था। इससे पहले सामने आया था कि दोनों सेनाओं की ओर से सैन्य वापसी की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है साथ ही वर्तमान स्थिति की समीक्षा भी कर ली है।
मीडिया कि ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान चीन ने अपने कब्जे वाली जमीन पर एक बड़ी सैन्य इमारत का निर्माण कर लिया था। नई आई सैटेलाइट तस्वीरों में डिसइंगेजमेंट से पहले की तस्वीर देखने से इसका पता चलता है। तस्वीरों में यह भी दिखता है कि जिस जगह पर चीन ने सैन्य इमारत का निर्माण किया था उसी जगह पर २०२० से पहले भारतीय सेना गश्त करती थी। तस्वीरों के मुताबिक, इस इमारत का निर्माण खाइयों के बीच में पैदल सेना या मोर्टार के लिए किया गया था। वहीं, हाल की तस्वीरों में दिखता है कि अब वहां पर इमारक नहीं है। इन तस्वीरों में किसी भी बफर जोन या नो मैंस लैंड की सीमा को नहीं बल्कि चीनी सैनिकों की स्थिति को केंद्रित किया गया है।
भारत और चीन के सैनिकों की पीपी-१५ से पीछे हटने की प्रक्रिया आठ सितंबर से शुरू हुई थी। हाल ही में चीन की सेना ने घोषणा की थी कि उसने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स पेट्रोलिंग पॉइंट १५ से हटना शुरू कर दिया है, जिसके एक दिन बाद नौ सितंबर को विदेश मंत्रालय की ओर से इस बारे में टिप्पणी की गई थी।