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Kerala Local Body Elections 2025: पहले चरण की वोटिंग शुरू, 7 जिलों में उत्साह; सुरेश गोपी और वी.डी. सतीशन ने डाला वोट

तिरुवनंतपुरम/कोच्चि: केरल में स्थानीय निकाय चुनाव 2025 की प्रक्रिया आज औपचारिक रूप से शुरू हो गई, जहां पहले चरण की वोटिंग शांतिपूर्ण माहौल में जारी है। राज्य के सात जिलों—तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथानमथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम—में मतदाता सुबह से ही पोलिंग बूथों पर पहुंच रहे हैं। स्थानीय निकाय चुनाव राज्य की जमीनी राजनीति का सबसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक अभ्यास माना जाता है, जिसमें ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायतों और नगर निगमों तक के प्रतिनिधि चुने जाते हैं।

इस बार के चुनाव दो चरणों में कराए जा रहे हैं।

  • पहला चरण: 9 दिसंबर 2025
  • दूसरा चरण: 11 दिसंबर 2025
  • नतीजे: 13 दिसंबर 2025

राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, दोनों चरणों में मिलाकर कुल 1,199 उम्मीदवार मैदान में हैं, जो ग्राम पंचायत, ब्लॉक पंचायत, जिला पंचायत, नगर पालिका और नगर निगमों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।


पहले चरण में दिखा मतदाताओं का उत्साह

सुबह 7 बजे मतदान शुरू होते ही कई जिलों में वोटरों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई। तिरुवनंतपुरम और कोल्लम जैसे जिलों में युवाओं और महिलाओं का रुझान खासा उत्साहजनक दिखाई दिया। कई पोलिंग बूथों पर सुबह के समय लंबी कतारें भी देखने को मिलीं।

चुनाव अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण के 7 जिलों में कुल हजारों मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सुरक्षा के लिए राज्य पुलिस, होमगार्ड्स और माइक्रो-ऑब्जर्वर्स की तैनाती की गई है।

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी बूथों पर वेबकास्टिंग के जरिए लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे।


केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने डाला वोट, कतार में खड़े होकर किया मतदान

लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी भी सुबह-सुबह तिरुवनंतपुरम स्थित एक पोलिंग बूथ पर पहुंचे और अपनी पत्नी राधिका नायर के साथ मतदान किया। गोपी ने अन्य मतदाताओं की तरह कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतज़ार किया, जिसके बाद उन्होंने वोट डाला।

पोलिंग बूथ से बाहर निकलते हुए उन्होंने कहा:
“स्थानीय निकाय चुनाव लोकतंत्र की नींव होते हैं। मैं सभी नागरिकों से आग्रह करता हूं कि अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें और विकास की दिशा तय करने में अपनी भूमिका निभाएं।”

उनके मतदान केंद्र पर स्थानीय मतदाताओं की उपस्थिति भी काफी उत्साहित दिखाई दी। कई युवाओं ने सेल्फी पॉइंट पर फोटो भी खिंचवाई।


कोच्चि में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने किया मतदान

पहले चरण की वोटिंग के दौरान केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी.डी. सतीशन ने कोच्चि के एक पोलिंग बूथ पर पहुंचकर मतदान किया। उन्हें भी आम नागरिकों के साथ लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते देखा गया।

सतीशन ने मतदान के बाद मीडिया से कहा:
“स्थानीय निकाय चुनाव केवल प्रशासनिक इकाइयों का चुनाव नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य का खाका तय करने का अवसर हैं। जनता के सामने अनेक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं—नगर सेवा, जल प्रबंधन, सड़कों की स्थिति, कचरा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाएं—इन सब पर जनता अपने प्रतिनिधियों का चयन करती है।”

उनके मतदान केंद्र पर भी सुबह से ही अच्छी संख्या में मतदाता जुटे रहे।


दूसरे चरण की वोटिंग 11 दिसंबर को

केरल स्थानीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 11 दिसंबर को राज्य के अन्य सात जिलों में मतदान होगा—

  • त्रिशूर
  • पलक्कड़
  • मलप्पुरम
  • कोझिकोड
  • वायनाड
  • कन्नूर
  • कासरगोड़

इन जिलों में भी मतदान को लेकर उत्साह देखने की उम्मीद है, क्योंकि उत्तरी केरला में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा ज्यादा तीखी रहती है। यहां कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा, जहां LDF, UDF और BJP सभी अपनी उपस्थिति मजबूत करने की कोशिश में हैं।


राजनीतिक महत्व: क्यों अहम हैं स्थानीय निकाय चुनाव?

केरल में स्थानीय निकाय चुनाव को हमेशा से राज्य की मुख्य राजनीतिक पार्टियों—LDF, UDF और BJP—के लिए अगले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जाता है।

इसमें जीत या हार आगामी राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करती है।

  • LDF इन चुनावों को अपनी नीतियों का जन समर्थन मानने की कोशिश में है।
  • UDF का फोकस शहरी इलाकों और नगर निगमों पर है।
  • BJP इस चुनाव में कई जिलों में अपने आधार को मजबूत करना चाहती है।

स्थानीय निकाय सीधे तौर पर नागरिकों के दैनिक जीवन से जुड़े होते हैं—कचरा निपटान, सड़कें, जल निकासी, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक योजनाएं। इसलिए आमतौर पर इन चुनावों में मतदाताओं का रुझान काफी गंभीर और जागरूक देखा जाता है।


चुनाव आयोग की तैयारी और व्यवस्था

चुनाव आयोग ने पहले ही मतदान के लिए आवश्यक सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का दावा किया है।

  • सभी मतदान केंद्रों पर दिव्यांग-अनुकूल सुविधाएं
  • बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर
  • डिजिटल वोटर स्लिप
  • बूथों पर पीने का पानी, शेड और चिकित्सा टीम मौजूद

साथ ही, सुरक्षा के लिए विशेष फोर्स की तैनाती की गई है। संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त पुलिस कर्मी और QRRT टीमें तैनात की गई हैं।


13 दिसंबर को आएंगे नतीजे

चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि काउंटिंग 13 दिसंबर 2025 को होगी। परिणाम स्थानीय स्तर पर गठित होने वाली पंचायतों से लेकर नगर निगमों तक की सत्ता का फैसला करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन नतीजों का असर आने वाले महीनों में केरल की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है, खासकर तब जब राज्य में विभिन्न दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतर रहे हैं।


निष्कर्ष

केरल स्थानीय निकाय चुनाव 2025 का पहला चरण शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण तरीके से शुरू हो चुका है। मतदाता बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और प्रशासन—सभी की नजरें अब मतदान प्रतिशत और दूसरे चरण के माहौल पर हैं। 13 दिसंबर को आने वाले नतीजे यह तय करेंगे कि जमीनी स्तर पर जनता किन नेतृत्वों पर भरोसा जताती है।

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