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इंडिगो का अभूतपूर्व संकट: एक दिन में 550 से ज़्यादा उड़ानें रद्द, देशभर में यात्री बेहाल

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी और 20 साल पुरानी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने इतिहास के सबसे बड़े परिचालन संकट से जूझ रही है। गुरुवार का दिन भारतीय विमानन इतिहास में एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड लेकर आया, जब एयरलाइन ने एक ही दिन में 550 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं। फ्लाइट रद्द और देरी की इस स्थिति ने एयरपोर्ट्स पर अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया, जहां हज़ारों यात्री कई घंटों तक फंसे रहे।

इंडिगो के लिए यह लगातार तीसरा दिन था जब बड़े पैमाने पर परिचालन बाधित रहा। समयपालन दर (OTP) में आई भारी गिरावट ने एयरलाइन के ऑपरेशनल मैनेजमेंट और स्टाफिंग को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।


दिल्ली-मुंबई पर सबसे अधिक असर, एयरपोर्ट्स पर उमड़ी भीड़

पीटीआई-भाषा के सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को देशभर के प्रमुख हवाईअड्डों पर उड़ानें रद्द होने का सिलसिला जारी रहा। अकेले दिल्ली एयरपोर्ट पर 172 उड़ानें रद्द हुईं, जबकि मुंबई में 118, बेंगलुरु में 100, हैदराबाद में 75, कोलकाता में 35, चेन्नई में 26 और गोवा में 11 उड़ानें रद्द हुईं।

रद्द उड़ानों की संख्या में यह उछाल इंडिगो के 20 साल के इतिहास में पहली बार देखने को मिला है। कई विमान देर से प्रस्थान कर रहे थे, जिससे कनेक्टिंग फ्लाइट्स पकड़ने वाले यात्रियों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

एयरपोर्ट टर्मिनलों पर लंबी कतारें, बोर्डिंग गेट्स पर भ्रम की स्थिति और यात्रियों की बढ़ती नाराज़गी दिनभर चर्चा में रही। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर एयरलाइन की देरी और असुविधा को लेकर अपनी नाराज़गी भी व्यक्त की।


डीजीसीए ने जताई गंभीर चिंता

डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) ने इस स्थिति को बेहद गंभीर माना है।
बयान में कहा गया:

“इंडिगो में रद्द उड़ानों की संख्या में पिछले कुछ दिनों से लगातार और तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है। यह प्रतिदिन 170–200 उड़ानों तक पहुंच चुकी है, जो सामान्य स्तर की तुलना में काफी अधिक है।”

नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इतना बड़ा व्यवधान तभी होता है जब कंपनी के भीतर बड़े स्तर पर स्टाफिंग या तकनीकी प्लानिंग में दिक्कत हो।


समयपालन दर 20% से भी नीचे गई — इंडिगो के लिए बड़ा झटका

इंडिगो, जो वर्षों से टाइम-परफॉर्मेंस यानी समयपालन में देश की सबसे भरोसेमंद एयरलाइन मानी जाती रही है, उसकी OTP में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई।

देश के छह प्रमुख एयरपोर्ट्स — दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद — से मिले संयुक्त आंकड़ों के अनुसार:

  • बुधवार को इंडिगो की OTP सिर्फ 19.7% रह गई
  • जबकि 2 दिसंबर को यही OTP 35% थी

यानी तीन दिनों में समय से उड़ान भरने की दर लगभग आधी रह गई।
उड्डयन क्षेत्र के विश्लेषकों के अनुसार, 20% से कम OTP किसी भी एयरलाइन के लिए गंभीर चेतावनी की तरह मानी जाती है, क्योंकि इससे परिचालन व्यवस्था में भारी तनाव का संकेत मिलता है।


क्यों हो रहा है इतना बड़ा संकट? – स्टाफ की भारी कमी

सरकारी सूत्रों के अनुसार, इंडिगो पिछले कुछ समय से स्टाफ की भारी कमी से जूझ रही है।
विशेष रूप से:

  • फ्लाइट क्रू
  • ग्राउंड स्टाफ
  • टेक्निकल टीम
  • ऑपरेशनल मैनेजमेंट

इन सभी स्तरों पर कर्मचारियों की उपलब्धता एयरलाइन के लक्ष्य से काफी पीछे बताई जा रही है।

विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि जब बड़ी एयरलाइन एक साथ कई रूट्स बढ़ाती है या नए शेड्यूल शुरू करती है, तो क्रू मैनेजमेंट की जटिलता कई गुना बढ़ जाती है। अगर स्टाफिंग समान अनुपात में नहीं बढ़े, तो कुछ ही दिनों में ऑपरेशन्स लड़खड़ा सकते हैं — इंडिगो की स्थिति फिलहाल वैसी ही दिख रही है।


सरकार ने दिए सख्त निर्देश — 15 दिन में रिपोर्ट देगी इंडिगो

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को कड़े निर्देश जारी किए हैं। एयरलाइन को तुरंत:

  • नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने
  • स्टाफ की कमी दूर करने
  • और ऑपरेशनल स्थिरता बहाल करने

का आदेश दिया गया है।
साथ ही, मंत्रालय ने यह भी कहा कि इंडिगो अपनी भर्ती प्रक्रिया की प्रगति पर हर 15 दिन में विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।

सरकारी अधिकारियों ने साफ कहा है कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन के ऑपरेशन्स में इतनी बड़ी गड़बड़ी का असर पूरे विमानन क्षेत्र पर पड़ता है। इसलिए समस्या को जल्द से जल्द हल करना जरूरी है।


यात्रियों की परेशानी चरम पर

एयरलाइन के परिचालन ठप होने का सबसे ज्यादा खामियाज़ा यात्रियों को उठाना पड़ा।
एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की शिकायतें इस प्रकार रहीं:

  • घंटों लंबा इंतजार
  • पर्याप्त जानकारी न मिलना
  • कनेक्टिंग फ्लाइट्स छूट जाना
  • होटल व रिफंड पर भ्रम
  • बुजुर्गों व बच्चों के लिए असुविधा

कई यात्रियों ने दावा किया कि एयरलाइन की हेल्पलाइन और सपोर्ट टीमें भी देरी से जवाब दे रही हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।


आगे की राह — क्या इंडिगो संभाल लेगा हालात?

विमानन उद्योग के जानकारों का कहना है कि इंडिगो का नेटवर्क विशाल है और वह प्रतिदिन 1,900 से अधिक उड़ानें संचालित करता है। ऐसे में किसी भी स्तर पर आई स्टाफिंग की कमी या ऑपरेशनल असंतुलन का प्रभाव तुरंत बड़े पैमाने पर दिखाई देता है।

हालाँकि, एयरलाइन का प्रदर्शन सुधारने के लिए सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों का असर आने वाले कुछ सप्ताह में दिखाई दे सकता है। फिलहाल, इंडिगो को यात्रियों का भरोसा बनाए रखने और परिचालन स्थिरता लौटाने के लिए त्वरित और कठोर कदम उठाने होंगे।

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