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New Delhi: अजय सिंह बिष्ट से अजेय ‘योगी’ तक का बेमिसाल सफ़र: सीएम योगी का 51वां जन्मदिन स्पेशल

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आज उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 51वां जन्मदिन है. जिनका मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है. वर्तमान समय में आप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त है. सारा देश आपको ‘बुल्डोज़र बाबा’ के नाम से भी जनता है. आपका जन्म 05 जून 1972 को उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल जिले में स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट जो की एक फॉरेस्ट रेंजर थे. इनकी माता सावित्री देवी एक कुशल गृहिणी है. इनके परिवार में इनके तीन बहनें और तीन भाई है. जिसमें योगी आदित्यनाथ पांचवें नंबर पर है. इनकी प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी उत्तराखंड के प्राथमिक विद्यालय में हुई. प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से गणित और विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद योगी ने गणित में एमएससी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए दाखिला लिया पर राम मंदिर में हो रहे आंदोलन के कारण आपका मन विचलित हो गया और आपका ध्यान पढ़ाई से हट गया.

कहते हैं न कि “होनहार बिरवान के होत चिकने पात” वैसे ही कुछ योगी जी के अंदर बचपन से ही था. इसिलए इनका राजनैतिक जीवन बचपन में ही शुरू हो गया था. कॉलेज में इनकी गिनती अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उभरते हुए नेताओं में की जाने लगी थी. इसी कारण इन्होनें छात्रसंघ का चुनाव लड़ने की योजना बनाई जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इनको टिकट नहीं दिया.  जिसके चलते योगी ने निर्दलीय सदस्य के रूप में नामांकन भरा जिसमें सन् 1992 में यह चुनाव हार गयें. उसके बाद मात्र 22 वर्ष की उम्र में योगी ने सांसारिक जीवन को त्यागकर संन्यास आश्रम में प्रवेश किया.

सन्यास जीवन शुरू करने से पहले योगी ने महंत अवैद्यनाथ से मुलाकात की उसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया. सन्यास जीवन ग्रहण करने के बाद योगी ने घर त्यागने, और परिवार त्यागने के बाद देशसेवा और समाज सेवा करने का संकल्प लिया. सन् 15 फरवरी 1994 को मंहत अवैद्यनाथ ने योगी को नाथ संप्रदाय की गुरु दीक्षा दी और उन्हें अपना शिष्य बना लिया. 12 सितंबर 2014 को महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद योगी आदित्यनाथ को गोरखनाथ मंदिर का महंत बनाया गया और नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया.

योगी आदित्यनाथ का राजनैतिक जीवन वैसे तो छात्र जीवन से ही शुरू हो गया था. लेकिन जब देश के बारहवें लोकसभा चुनाव 1998 में संपन्न हुए तो देश में सबसे ज्यादा चर्चा में आये गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ वो इसलिए कि जब वो ये चुनाव जीत कर ससंद में आये तब उनकी उम्र मात्र 26 वर्ष की थी और वो सबसे कम उम्र के सांसद बने. सन 1998- 99 में ये कमेटी ऑफ़ फ़ूड, सिविल सप्लाई, डिपार्टमेंट ऑफ़ सुगर एंड एडिबल आयल, मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स आदि में काम किये.

सन 1999 में तेरहवीं लोकसभा में ये पुनः निर्वाचित हुए और पुराने सभी पदों पर बने रहे. सन 2004 में पुनः अपनी इसी सीट से इन्होने चुनाव जीता और सभी पुराने पदों पर काम करते रहे. सन 2009 में पन्द्रहवें लोकसभा में इन्हें लोगों ने फिर से अपना प्रतिनिधि चुना और इस बार वे परिवहन, पर्यटन और संकृति के कमिटी मेम्बर हुए. इसके बाद पुनः सन 2014 में भारत के सोलहवें लोकसभा में ये गोरखपुर सीट से चुनाव जीत कर पुनः लोकसभा सांसद बने. 19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया तब से अभी तक योगी दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री है और इसे उत्तम प्रदेश बनाने के लिए हर दिन निष्ठा से सेवा में  लगे हुए है.

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