
देहरादून, 28 मई 2025: उत्तराखंड की धामी सरकार आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार सुबह 11 बजे सचिवालय में होने जा रही मंत्रिमंडल की बैठक में कई जनहितकारी और नीति-निर्धारण से जुड़े अहम प्रस्तावों पर निर्णय लिए जाने की संभावना है। आगामी पंचायत चुनाव और राज्य के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को दिशा देने वाले विषय इस बैठक को विशेष महत्व प्रदान कर रहे हैं।
पंचायत प्रशासकों के कार्यकाल पर निर्णय संभव
बैठक में पंचायतों में तैनात प्रशासकों के कार्यकाल को 6 माह के बजाय एक वर्ष तक बढ़ाए जाने संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। यह निर्णय पंचायत चुनावों की तैयारियों और प्रशासनिक सुचारूता के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
महिला और युवा नीति को मिल सकती है हरी झंडी
उत्तराखंड में लंबे समय से लंबित महिला नीति को लेकर सरकार ठोस कदम उठा सकती है। नई महिला नीति में महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वावलंबन और रोजगार के व्यापक प्रावधान होने की उम्मीद है। इसके साथ ही युवा नीति को भी मंजूरी दिए जाने की संभावना है, जो प्रदेश के युवाओं के लिए स्किल डवलपमेंट, स्टार्टअप और रोजगार के नए रास्ते खोलेगी।
शिक्षा और खेल को मिलेगा नया आधार
राज्य के आठ शहरों में 23 नई खेल अकादमियों की स्थापना हेतु लेगेसी प्लान ड्राफ्ट को मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिल सकती है। इसके साथ ही शिक्षकों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी पर भी निर्णय संभव है, जिससे स्थानांतरण की प्रक्रिया पारदर्शी और डिजिटल रूप से सुलभ होगी।
नंदा गौरा योजना का होगा विस्तार
बालिकाओं को प्रोत्साहन देने वाली ‘नंदा गौरा योजना’ के अंतर्गत अब ग्रेजुएशन या 12वीं के बाद कोई स्किल-बेस्ड कोर्स पूरा करने पर अतिरिक्त सहायता राशि देने का प्रस्ताव भी कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।
भूमि, कर प्रणाली और रोजगार नीति पर भी विचार
देहरादून के रायपुर क्षेत्र में फ्रीज की गई भूमि को मुक्त किए जाने संबंधी प्रस्ताव के अलावा, सभी नगर निकायों में एक समान टैक्स प्रणाली लागू करने, पुराने बाजारों के री-डेवलपमेंट और सीजनल मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने जैसे प्रस्ताव भी बैठक के एजेंडे में शामिल हैं।
उपनल कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण नीति और स्वास्थ्य सुधार पर जोर
लंबे समय से उपनल कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग पर विचार करते हुए एक ठोस नीति तैयार करने का प्रस्ताव भी रखा गया है। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने हेतु ‘स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल’ के गठन पर भी मुहर लग सकती है।