
देहरादून | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अपने शासकीय आवास में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर पर प्रदेश के चिकित्सकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री धामी ने डॉक्टरों को बधाई देते हुए कहा कि,
“डॉक्टर का पेशा एक नोबल प्रोफेशन है। यह केवल आजीविका का साधन नहीं बल्कि सेवा, संवेदना और समर्पण का प्रतीक है। आप अपनी करुणा और निष्ठा से लोगों के जीवन को संजीवनी देते हैं।”
उन्होंने भारतीय संस्कृति की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह केवल आस्था नहीं, बल्कि गहन शोध, चिंतन और चिकित्सा विज्ञान से भी जुड़ी रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी आमंत्रित चिकित्सकों से भेंट कर उन्हें सम्मानित किया और उनके अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि जनता डॉक्टर को ‘धरती का भगवान’ मानती है और यह विश्वास डॉक्टरों के सेवा-भाव और व्यवहार से और भी मजबूत होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया:
🔹 58 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।
🔹 11 लाख से अधिक मरीजों को अब तक ₹2100 करोड़ से अधिक का कैशलेस इलाज मिला है।
🔹 प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
🔹 वर्तमान में 5 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि 2 का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
🔹 मरीजों को 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचें नि:शुल्क मिल रही हैं।
🔹 जिला अस्पतालों और सीएचसी का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, साथ ही स्टाफ की कमी को भी दूर किया जा रहा है।
कार्यक्रम में डॉ. आर. के. जैन, डॉ. गीता खन्ना, डॉ. सुनीता टम्टा, डॉ. कृष्ण अवतार, डॉ. आर. एस. बिष्ट, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. आशुतोष सयाना, डॉ. महेश कुड़ियाल, डॉ. प्रशांत और डॉ. नंदन सिंह बिष्ट सहित कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर पर मुख्यमंत्री का यह आयोजन न केवल चिकित्सकों के योगदान को सम्मानित करने का प्रयास था, बल्कि यह सरकार की स्वास्थ्य नीति के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।