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New Delhi: इंडिया-नेपाल बॉर्डर से आखिर कैसे पकड़ा गया नक्सली लीडर दिनेश गोप

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नई दिल्ली: सुरक्षा एजेंसियों ने देश के सबसे बड़े नक्सली लीडर दिनेश गोप को भारत- नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है. गोप यहां पर पंजाबी सिख बनाकर पिछले 13 महीने से ढाबा चला रहा था. फरवरी 2022 में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूमि जिले में मुठभेड़ के बाद वो फरार हो गया था. यहां सुरक्षाबलों और उसके बीच सैकड़ों राउंड फायरिंग हुई थी. बिहार बॉर्डर से वह नेपाल भाग गया था और वहां पहचान छिपाने के लिए पगड़ी पहनाकर ढाबा चला रहा था. गोप ने ढाबे पर 3 नेपाली नागरिकों को भी नौकरी पर रखा था. वो हमेशा अपने एरिया कमांडरों को फोन कॉल करने के बाद सिम कार्ड तोड़कर फेंक देता था. कुछ दिन पहले उसने झारखंड के एक बीजेपी नेता को फोन कर 10 AK-47 मंगवाई थी.

जांच एजेंसियों को पता चला जिस नंबर से फोन किया गया वो नेपाल का है. उस नंबर के कॉल डिटेल्स निकाले गए तो पता चला कि ये नंबर दिनेश गोप इस्तेमाल कर रहा है. उसी नंबर से वो झारखंड में एक पंचायत सदस्य को फोन करता था, जिससे हर रोज की जानकारी लेता था. इसके बाद टीम नेपाल पहुंची और उसे ढाबे से गिरफ्तार कर लिया.

गोप ने जांच एजेंसियों को बताया की उसके संगठन में तीनों राज्यों में करीब 8500 लोग जुड़े हैं और 6 एरिया कमांडर हैं जिनके वो संपर्क में रहता है. उसने बताया कि वो हर साल संगठन के लिए करीब 120 करोड़ रुपए की वसूली करता है. ये पैसे अलग-अलग चैनल जैसे हवाला या शेल कंपनियों के जरिए बाहर भेजे जाते थे. फिर इन्हीं पैसो से Ak-47 और HK-33 जैसे हथियार खरीदे जाते थे. एनआइए दिनेश गोप समेत 11 लोगों के खिलाफ जुलाई 2022 में चार्जशीट दायर कर चुकी है. उसके खिलाफ एनआइए ने 2018 में केस दर्ज किया था.

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