
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में स्थित गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) का ऐतिहासिक मुख्यालय अब बदलने जा रहा है। लगभग 90 वर्षों तक नॉर्थ ब्लॉक में संचालित रहे गृह मंत्रालय ने अपना कार्यालय कर्तव्य पथ स्थित नवनिर्मित CCS-3 भवन में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। यह बदलाव केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत की शासन व्यवस्था के केंद्र को आधुनिक और सुव्यवस्थित बनाना है।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन के साथ-साथ कई संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी पहले ही नए परिसर में कार्यभार संभाल चुके हैं, जबकि बाकी अधिकारियों और कर्मचारियों की शिफ्टिंग प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में पूरी कर ली जाएगी। हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह का कार्यालय अभी नॉर्थ ब्लॉक में ही स्थित है, लेकिन उसे भी जल्द शिफ्ट किए जाने की योजना है।
नए भवन में गृह मंत्रालय के लिए करीब 350 कमरे आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, CCS-3 में विदेश मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, MSME मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, DoPT और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भी स्थापित किए जा रहे हैं।
इतिहास के पन्नों से: नॉर्थ ब्लॉक की विरासत
नॉर्थ ब्लॉक, ब्रिटिश वास्तुकार हर्बर्ट बेकर द्वारा डिज़ाइन की गई लाल बलुआ पत्थर की भव्य इमारत, 1930 के दशक से गृह मंत्रालय का केंद्र रही है। यह इमारत संसद भवन और साउथ ब्लॉक जैसी अन्य प्रतिष्ठित संरचनाओं के साथ लुटियंस दिल्ली की मूल योजना का हिस्सा रही है।
अब जब मंत्रालयों को अत्याधुनिक और समेकित भवनों में स्थानांतरित किया जा रहा है, सरकार की योजना नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को ‘युगे युगीन भारत’ नामक एक विशाल राष्ट्रीय संग्रहालय में बदलने की है। प्रस्तावित संग्रहालय 1.55 लाख वर्ग मीटर में फैला होगा और इसमें करीब 950 कक्ष होंगे, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालयों में शामिल करेगा।
सेंट्रल विस्टा का नया चेहरा
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत, सरकार ने एक एकीकृत केंद्रीय सचिवालय परिसर का प्रस्ताव दिया है, जिसमें कर्तव्य पथ पर 10 आधुनिक कार्यालय भवन और एक सम्मेलन केंद्र बनाया जा रहा है। इनमें से पहले तीन भवन – CCS-1, CCS-2 और CCS-3 – पहले ही तैयार हो चुके हैं और कुछ मंत्रालयों ने इनमें काम करना भी शुरू कर दिया है।
नॉर्थ ब्लॉक से स्थानांतरण केवल एक स्थान परिवर्तन नहीं, बल्कि आधुनिक भारत की शासन व्यवस्था में डिजिटलीकरण, सुरक्षा और पारदर्शिता की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।