
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून कहर बरपा रहा है। पिछले 24 घंटों में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार बीते एक दिन में पांच लोगों की मौत हो गई है। वहीं 482 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिससे पहाड़ी इलाकों में यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है।
कुल्लू में फ्लैश फ्लड से तबाही
कुल्लू जिले की बरशौणा पंचायत में रविवार देर रात अचानक फ्लैश फ्लड आ गया। नाले का मलबा खेतों और घरों में घुस गया, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ। कई स्थानों पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित
मंडी जिला बारिश से सबसे अधिक प्रभावित बताया जा रहा है। यहां 245 सड़कें मलबा और भूस्खलन के कारण बाधित हैं। कुल्लू में 101, चंबा में 82, ऊना में 13, सिरमौर में 9, शिमला में 6 और कांगड़ा व किन्नौर में 2-2 सड़कें बंद हैं। हालांकि सोलन जिले की सभी सड़कें खोल दी गई हैं।
फसलों और संपत्ति को नुकसान
बारिश और भूस्खलन से कई स्थानों पर बागवानों और किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। कुल्लू और किन्नौर में सेब की बागवानी को खासा नुकसान पहुंचा है। वहीं ग्रामीण इलाकों में मकानों की दीवारें और गौशालाएं ढहने की भी खबरें हैं।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
राज्य सरकार ने जिला अधिकारियों को लगातार राहत कार्य तेज करने और प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए हैं। मंडी और कुल्लू जिलों में एनडीआरएफ की टीमों को भी तैनात किया गया है।
पर्यटकों से अपील
मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों में और भारी बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन ने पर्यटकों से पहाड़ी इलाकों की अनावश्यक यात्रा से बचने और नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है।
मानसून की मार से हिमाचल फिलहाल बेहाल है। सड़कें ठप हैं, फसलें बर्बाद हो रही हैं और जनहानि भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में राज्य सरकार के सामने राहत और पुनर्वास सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।