
नैनीताल/देहरादून | उत्तराखंड शासन ने राज्य के विधि विभाग में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्पा भट्ट को अपर महाधिवक्ता (Additional Advocate General) पद पर पदोन्नत किया है। इसके अलावा हाईकोर्ट में शासन की ओर से प्रभावी पैरवी सुनिश्चित करने के लिए 10 नए अधिवक्ताओं को भी नियुक्त किया गया है।
🔷 पदोन्नत अधिवक्ताओं की सूची:
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पुष्पा भट्ट – उप महाधिवक्ता से पदोन्नति, बनीं अपर महाधिवक्ता
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बीएस परिहार व विश्व दीपक विशैन – बने अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता
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प्रमोद तिवारी – ब्रीफ होल्डर क्रिमिनल से सहायक शासकीय अधिवक्ता
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एसएस चौधरी – ब्रीफ होल्डर सिविल से स्थायी अधिवक्ता
🆕 नए अधिवक्ताओं की नियुक्ति:
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राहुल वर्मा – अपर महाधिवक्ता
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वासवानंद मौलखी – उप महाधिवक्ता
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तुमुन नैनवाल, दिनेश चौहान, नंदन सिंह कन्याल – सहायक शासकीय अधिवक्ता
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एनके पपनोई – स्थायी अधिवक्ता
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विजय खंडूड़ी, चित्रार्थ कांडपाल – ब्रीफ होल्डर क्रिमिनल
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चंद्रशेखर जोशी, तरुण मोहन – ब्रीफ होल्डर सिविल
⚖️ यह नियुक्तियां क्यों महत्वपूर्ण हैं?
राज्य सरकार के लिए हाईकोर्ट और अन्य न्यायालयों में प्रभावी और सशक्त पैरवी सुनिश्चित करना एक बड़ी प्राथमिकता रही है। इन नई नियुक्तियों के ज़रिए सरकार ने विधिक ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया है।
📜 नियुक्ति की शर्तें और नियम:
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यह व्यावसायिक आबंधन (Professional Engagement) है, न कि किसी ‘सिविल पद’ पर नियुक्ति।
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राज्यपाल की स्वीकृति से जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार किसी भी समय बिना पूर्व सूचना के इस आबंधन को समाप्त कर सकती है।
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नियुक्त अधिवक्ता राज्य सरकार के विरुद्ध किसी भी केस में पैरवी नहीं कर सकते, न ही कोई कानूनी परामर्श दे सकते हैं।
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अधिवक्ता भी, यदि चाहें, तो लिखित सूचना देकर इस आबंधन को समाप्त कर सकते हैं।
उत्तराखंड सरकार द्वारा हाईकोर्ट में विधिक मामलों की प्रभावशाली पैरवी सुनिश्चित करने के लिए किया गया यह परिवर्तन राज्य की न्यायिक दक्षता को बढ़ाने वाला कदम है। पुष्पा भट्ट की वरिष्ठता और अनुभव से शासन को कानूनी मामलों में मजबूती मिलने की उम्मीद है।