नई दिल्ली: तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी पर सियासत गरमा रही है. कई विपक्षी दलों ने वी सेंथिल की गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार पर हमला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार करने के प्रवर्तन निदेशालय के कदम को सरकार द्वारा उत्पीड़न और प्रतिशोध की राजनीति करार देते हुए कहा कि विपक्षी दल ऐसी कार्रवाइयों के आगे झुकने वाले नहीं हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह गिरफ्तारी भारत के विपक्ष पर लगातार हो रहे हमले का हिस्सा है और यह हमारे लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करती है.
मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बयान में कहा, “यह बालाजी के खिलाफ कार्रवाई कुछ और नहीं, बल्कि मोदी सरकार द्वारा उन लोगों के खिलाफ राजनीतिक उत्पीड़न और प्रतिशोध की कार्रवाई है, जो उसका विरोध करते हैं. विपक्ष में कोई भी ऐसे कदमों के सामने झुकने वाला नहीं है.”
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी वी सेंथिल की गिरफ्तारी का विरोध किया है. उन्होंने कहा, “हम प्रवर्तन निदेशालय द्वारा तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी की देर रात हुई गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं. जिस तरह से उनकी स्वास्थ्य की स्थिति के बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया वह अमानवीय है और ईडी के काम करने के तरीकों पर गंभीर चिंता पैदा करता है. वही सांसद संजय राउत ने कहा, “प्रवर्तन निदेशालय द्वारा विरोधी दलों को डराने का काम किया जा रहा है. अगर ईडी नहीं होती, तो महाराष्ट्र की सरकार नहीं बन पाती. आज के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ईडी का प्रोडक्शन हैं.
इस गिरफ़्तारी पर एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, “मुझे बिलकुल भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि 95% सीबीआई और ईडी के मामले विपक्षी दलों के ख़िलाफ़ है. मैं संस्थानों को दोष नहीं दूंगी, क्योंकि संस्थान खुद से कोई कार्रवाई नहीं करते. उन संस्थान के पीछे कोई बड़ी शक्ति है, जो यह सब करवा रही है. वे एक प्यादों को तरह इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
वही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्य के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी से मुलाकात की, जो आज ओमंडूरार सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ के बाद सेंथिल बालाजी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बता दें कि ईडी ने धनशोधन के एक मामले की जांच के तहत मंगलवार को तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापे मारे, और बाद में बालाजी को गिरफ्तार कर लिया गया.