दुनिया भर में लगातार बढ़ रहे मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए AIIMS दिल्ली ने एडवाइजरी जारी की है। AIIMS दिल्ली ने मंगलवार को संदिग्ध एमपॉक्स रोगियों के इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। इसके साथ ही क्वारंटाइन में उपचार के लिए पांच बिस्तर भी आवंटित किए। AIIMS एसओपी दस्तावेज के अनुसार, एमपॉक्स एक वायरल पशुजनित रोग है, जिसके लक्षण चेचक के रोगियों में पहले देखे गए लक्षणों के समान हैं। हालांकि चिकित्सकीय रूप से यह कम गंभीर है। दस्तावेज में AIIMS के आपातकालीन विभाग में ऐसे मामलों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों की रूपरेखा दी गई है।
प्रोटोकॉल के अनुसार, आगमन पर बुखार, दाने या एमपॉक्स के पुष्ट मामलों के संपर्क के इतिहास वाले रोगियों को तत्काल आकलन के लिए चिह्नित किया जाना चाहिए। इसमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, ‘लिम्फ नोड’ में सूजन, ठंड लगना, थकावट और त्वचा के घाव जैसे प्रमुख लक्षणों की पहचान करने के लिए भी कहा गया है। वहीं दूसरी तरफ पूणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी मंकीपॉक्स को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने मंगलवार को कहा कि वह वर्तमान में मंकीपॉक्स के लिए एक वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रहे है। आगे कहा गया है कि इस वैक्सीन को बनाने में एक साल के भीतर सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है।