
नई दिल्ली: भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वैश्विक सांस्कृतिक सहयोग के लिए यह सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage – ICH) के संरक्षण को लेकर यूनेस्को की अंतर-सरकारी समिति (Intergovernmental Committee) के 20वें सत्र की शुरुआत 7 दिसंबर से राजधानी दिल्ली में होने जा रही है। इस ऐतिहासिक बैठक के उद्घाटन समारोह में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। बैठक के आयोजन स्थल के रूप में लाल किले का चयन अपने आप में भारत की सांस्कृतिक पहचान, विरासत संरक्षण के संकल्प और सभ्यता के वैभव को दर्शाता है।
यूनेस्को की ICH समिति का 20वां सत्र—भारत विश्व विरासत विमर्श के केंद्र में
यूनेस्को द्वारा संचालित यह सत्र विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों की सूची, उनके संरक्षण, संरक्षण रणनीतियों और सदस्य देशों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर केंद्रित रहेगा।
अमूर्त विरासत में—
- पारंपरिक कला,
- लोकगीत और वाद्य परंपराएँ,
- पर्व-त्योहार,
- शिल्पकला,
- हस्तशिल्प,
- और सांस्कृतिक अभ्यास
जैसे अनेक तत्व शामिल होते हैं, जिन्हें समुदायों की पहचान का जीवंत हिस्सा माना जाता है।
भारत ऐसे तत्वों के लिए विश्व में सबसे समृद्ध देशों में गिना जाता है। योग से लेकर कुंभ मेला, रामलीला, नोबट, कालबेलिया नृत्य जैसी कई परंपराएँ पहले ही यूनेस्को की सूची में शामिल हैं। इस बैठक में भारत के कई और सांस्कृतिक तत्वों को आगे बढ़ाने की संभावना भी जताई जा रही है।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि ICH समिति का यह सत्र भारत के लिए अत्यंत गर्व का विषय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “दुनिया आज भारत की सांस्कृतिक विविधता और विरासत संरक्षण के प्रयासों को गंभीरता से देख रही है।”
उन्होंने बताया कि उद्घाटन समारोह 7 दिसंबर को लाल किले के भव्य परिसर में आयोजित होगा, जहाँ विदेश मंत्री एस. जयशंकर मुख्य अतिथि होंगे।
भारत की सांस्कृतिक कूटनीति को मिलेगी मजबूती
भारत लंबे समय से सांस्कृतिक कूटनीति (Cultural Diplomacy) के माध्यम से अपनी वैश्विक पहचान को मजबूत करने पर जोर दे रहा है। यूनेस्को के इस उच्च स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी:
- भारत की विरासत संरक्षण क्षमता,
- प्राचीन परंपराओं के पुनरोद्धार के प्रयास,
- और समकालीन सांस्कृतिक नेतृत्व
को दुनिया के सामने रखने का महत्वपूर्ण अवसर है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार यह आयोजन भारत की “वैश्विक दक्षिण” की आवाज़ और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षक के रूप में भूमिका को और मजबूत करेगा।
120 से अधिक देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
सूत्रों के अनुसार 20वें सत्र में 120 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें सांस्कृतिक विशेषज्ञ, नीति-निर्माता, यूनेस्को अधिकारी, और विभिन्न देशों के सांस्कृतिक मंत्रालयों के उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हैं।
बैठक में निम्न विषयों पर गहन चर्चा होगी—
- अमूर्त विरासत की पहचान व सूचीकरण
- सांस्कृतिक तत्वों के संरक्षण की रणनीतियाँ
- सामुदायिक सहभागिता
- विकास और संरक्षण के बीच संतुलन
- डिजिटल तकनीक के माध्यम से संरक्षण के नए मॉडल
- सांस्कृतिक विरासत को जलवायु परिवर्तन से बचाना
यूनेस्को के लिए भारत का महत्व
यूनेस्को के भीतर भारत की भूमिका लगातार मजबूत हुई है। पिछले वर्षों में भारत ने:
- कई सांस्कृतिक धरोहरों को सूचीबद्ध करवाया,
- सांस्कृतिक शिक्षा कार्यक्रमों को मजबूत किया,
- विश्व विरासत स्थलों के विकास और संरक्षण पर निवेश बढ़ाया।
भारत की विविधता, कला, शास्त्रीय परंपरा, और लोक संस्कृति, यूनेस्को के इंटैन्जिबल हेरिटेज एजेंडा में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।
लाल किले में होगा उद्घाटन—सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में ताकतवर संदेश
लाल किला न केवल भारत की ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक है बल्कि यह भारतीय सभ्यता, स्वतंत्रता संघर्ष और सांस्कृतिक विविधता का भी प्रतिनिधित्व करता है।
यूनेस्को जैसी संस्था के अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्मेलन का उद्घाटन यहाँ होना, भारत की विरासत संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का सशक्त संदेश देता है।
निष्कर्ष
7 दिसंबर का दिन भारत के सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनने जा रहा है। यूनेस्को की प्रतिष्ठित ICH समिति की बैठक का भारत में आयोजन न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी सांस्कृतिक विश्वसनीयता को मजबूत करेगा, बल्कि अमूर्त विरासत के संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग के नए रास्ते भी खोलेगा।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मौजूदगी उद्घाटन समारोह को और उच्च स्तर प्रदान करेगी, जो यह दर्शाती है कि भारत सांस्कृतिक विरासत को केवल परंपरा नहीं बल्कि अपनी “सॉफ्ट पावर” और वैश्विक पहचान के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में देखता है।



