
जयपुर: राजस्थान में संगठित अपराध के खिलाफ चल रही सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक के तहत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा के नेटवर्क को बड़ा झटका देते हुए उनके प्रमुख सहयोगी अमित शर्मा उर्फ़ जैक पंडित को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) की सूचनाओं के आधार पर अमेरिकी एजेंसियों की मदद से की गई है। अब राजस्थान पुलिस आरोपी को भारत लाने की प्रक्रिया में जुट गई है।
गैंग की फाइनेंसिंग का मास्टरमाइंड था अमित पंडित
एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने जानकारी दी कि अमित शर्मा, जो कि श्रीगंगानगर का रहने वाला है, लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के लिए विदेश में बैठकर वित्तीय गतिविधियाँ संचालित करता था।
वह गैंग के लिए एक्सटॉर्शन मनी (फिरौती वसूली की रकम) को विदेशों में प्राप्त करता था और विभिन्न माध्यमों से भारत में सक्रिय गैंग सदस्यों तक पहुंचाता था।
दिनेश एमएन ने बताया —
“अमित शर्मा उर्फ़ जैक पंडित विदेश में रहकर गैंग को आर्थिक मदद दे रहा था। वह गैंग के लिए विदेशी स्तर पर हवाला और क्रिप्टो के जरिए धन की आवाजाही संभालता था।”
यह गैंग लंबे समय से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली एनसीआर में फिरौती, सुपारी किलिंग और हथियार तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रही है।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
राजस्थान पुलिस की एजीटीएफ को अमित शर्मा की लोकेशन को लेकर कुछ महीनों से सुराग मिल रहे थे। टीम ने आरोपी की विदेशी गतिविधियों और फाइनेंशियल नेटवर्क को ट्रेस किया।
इसके बाद, डीआईजी योगेश यादव और डीआईजी दीपक भार्गव की निगरानी में एक विशेष जांच टीम गठित की गई। इस टीम का नेतृत्व एडिशनल एसपी सिद्धार्थ शर्मा ने किया।
कई महीनों की तकनीकी निगरानी और फाइनेंशियल ट्रेल की जांच के बाद टीम ने अमेरिकी एजेंसियों को ठोस जानकारी दी।
इसके बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों (US Federal Agencies) ने समन्वय कर अमित शर्मा को धर दबोचा।
अब सीबीआई और इंटरपोल की मदद से उसका प्रत्यर्पण (Extradition) करवाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है।
गोदारा तक पहुंच का रास्ता खुल सकता है
अमित शर्मा की गिरफ्तारी को पुलिस लॉरेंस-गोदारा नेटवर्क के खिलाफ बड़ी सफलता के रूप में देख रही है।
सूत्रों के अनुसार, शर्मा की गिरफ्तारी से अब विदेश में छिपे रोहित गोदारा तक पहुंचने का रास्ता आसान हो सकता है।
गोदारा पर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में कई हत्याओं और रंगदारी के मामलों में आरोप हैं।
वह फिलहाल विदेश में बैठकर भारत में आपराधिक गतिविधियों को संचालित कर रहा है।
राजस्थान पुलिस का ‘ऑपरेशन क्लीन नेटवर्क’
राजस्थान पुलिस ने पिछले एक साल में संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए ‘ऑपरेशन क्लीन नेटवर्क’ अभियान चलाया हुआ है।
इस अभियान के तहत पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग, रोहित गोदारा गैंग, आनंदपाल गैंग और अन्य कई गिरोहों पर एक साथ कार्रवाई शुरू की।
अब तक दर्जनों गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट, UAPA और MCOCA जैसे सख्त कानूनों के तहत केस दर्ज किए गए हैं।
दिनेश एमएन ने कहा —
“राजस्थान पुलिस ने अपराधियों को साफ संदेश दिया है कि विदेश में छिपने पर भी उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा। जहां भी होंगे, पकड़कर लाए जाएंगे।”
लॉरेंस बिश्नोई नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय जड़ें
लॉरेंस बिश्नोई गैंग अब महज भारतीय नेटवर्क नहीं रहा। इसकी जड़ें कनाडा, दुबई, नेपाल और अमेरिका तक फैल चुकी हैं।
इस नेटवर्क में कई एनआरआई और विदेशी नागरिक फाइनेंसिंग, हथियार सप्लाई और हवाला लेनदेन में शामिल हैं।
गैंग की रणनीति यह है कि भारत में काम करने वाले सदस्य अपराध करें और विदेश में बैठे सदस्य फंडिंग व प्लानिंग करें।
अमित शर्मा इस सिस्टम का अहम हिस्सा था, जो अमेरिका से फाइनेंस को नियंत्रित करता था।
अब भारत लाने की तैयारी
राजस्थान पुलिस ने अमेरिकी एजेंसियों से औपचारिक रूप से संपर्क स्थापित कर लिया है।
सीबीआई और इंटरपोल (Interpol) के सहयोग से आरोपी के रेड कॉर्नर नोटिस को सक्रिय कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शर्मा का प्रत्यर्पण अगले कुछ हफ्तों में पूरा हो सकता है।
इसके बाद उसे भारत लाकर जयपुर या श्रीगंगानगर में कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उसके खिलाफ पहले से दर्ज कई मामले लंबित हैं।
अपराध पर सख्ती और राजनीति से परे लड़ाई
राजस्थान सरकार और पुलिस विभाग ने साफ किया है कि संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह राजनीति से परे और पेशेवर तरीके से की जा रही है।
गैंगस्टर नेटवर्क को खत्म करने के लिए राज्य के हर जिले में विशेष टास्क फोर्स और डिजिटल निगरानी सिस्टम तैयार किए जा रहे हैं।
दिनेश एमएन ने कहा —
“अब अपराधियों को यह समझ लेना चाहिए कि चाहे वे देश में हों या विदेश में, राजस्थान पुलिस उन्हें खोज निकालेगी। यह अपराध के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।”
अमित शर्मा उर्फ़ जैक पंडित की गिरफ्तारी न केवल राजस्थान पुलिस की बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि विदेश भागने से अपराधी कानून के शिकंजे से नहीं बच सकते।
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि उसकी पूछताछ से रोहित गोदारा गैंग के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के कौन-कौन से चेहरे बेनकाब होते हैं। यह ऑपरेशन भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए संगठित अपराध के खिलाफ एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है।