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दिल्ली में उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव की उच्चस्तरीय बैठकें, राज्य के विकास के लिए केंद्र के साथ व्यापक चर्चा

PMO, CDS, गृह, जलशक्ति, पर्यटन, इलेक्ट्रॉनिक्स, कौशल व ग्रामीण विकास मंत्रालयों के सचिवों से मिले आनन्द बर्द्धन

नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक के बाद एक कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेते हुए राज्य के विकास से जुड़े रणनीतिक, सुरक्षा, पर्यटन, तकनीकी और बुनियादी ढांचा संबंधी मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। बैठकें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), गृह मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय, कौशल विकास एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के सर्वोच्च अधिकारियों के साथ आयोजित की गईं।

इन बैठकों का उद्देश्य उत्तराखण्ड के लिए नए अवसरों का विस्तार, सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास, आईटी एवं टेक्नोलॉजी सेक्टर का विस्तार, पर्यटन को नए आयाम, आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग सुनिश्चित करना था।


पर्यटन सचिव से मुलाकात—उत्तराखण्ड को वेडिंग, विंटर और स्पोर्ट्स टूरिज्म हब बनाने पर जोर

केंद्रीय पर्यटन सचिव वी. विद्यावती से मुलाकात में मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र की सहायता मांगी।
उन्होंने राज्य में—

  • शीतकालीन पर्यटन विस्तार,
  • लोकल और धार्मिक पर्यटन के नए सर्किट,
  • स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ावा,
  • और इसके लिए आवश्यक आधारभूत संरचना के विकास

पर विस्तृत चर्चा की।

आनन्द बर्द्धन ने कहा कि पर्यटन उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है और केंद्र सरकार का सहयोग इसे नए आयाम देने में निर्णायक होगा।


उत्तराखण्ड को सेमीकंडक्टर हब बनाने का प्रस्ताव—आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स पर फोकस

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस. कृष्णन के साथ बैठक में मुख्य सचिव ने देहरादून के सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STPI) को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार के महत्वपूर्ण इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत उत्तराखण्ड को संभावित सेमीकंडक्टर हब घोषित करने का आग्रह किया।
इसके तहत—

  • इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग
  • आईटी व आईटीईएस सेक्टर का विस्तार
  • रोजगार सृजन
  • और हाई-टेक कौशल प्रशिक्षण

जैसे क्षेत्रों में राज्य की भूमिका को मजबूत करने पर सहमति जताई गई।


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ से मुलाकात—सीमांत क्षेत्रों में बॉर्डर टूरिज्म और Vibrant Village Program पर अहम बातचीत

मुख्य सचिव की मुलाकात चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान से भी हुई।
इस दौरान उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में बॉर्डर एरिया टूरिज्म को बढ़ावा देने और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर चर्चा की।

मुख्य सचिव ने प्रस्ताव रखा कि—

  • भारतीय सेना,
  • आईटीबीपी
  • और अन्य सैन्य बल

राज्य के स्थानीय उत्पादों की खरीद बढ़ाएं। इससे स्थानीय किसानों और उत्पादकों की आय बढ़ेगी, साथ ही सैनिकों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध होगी।

उन्होंने ऑपरेशन सद्भावना के तहत स्थानीय प्रशासन और जनसहभागिता को और मजबूत बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।


जल शक्ति मंत्रालय के साथ बैठक—बाढ़ राहत, नदी जोड़ परियोजनाएं और लखवार डैम पर चर्चा

केंद्रीय जल शक्ति सचिव वी. एल. कांता राव के साथ बैठक में मुख्य सचिव ने राज्य के लिए आवश्यक मुद्दों को विस्तार से रखा। इनमें शामिल थे—

  • बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों की त्वरित स्वीकृति,
  • नदियों के परस्पर संयोजन (इंटरलिंकिंग) परियोजनाओं को गति,
  • और लखवार परियोजना के लंबित कार्यों की जल्द मंजूरी।

उन्होंने कहा कि समय रहते स्वीकृति मिलने से राज्य की जल सुरक्षा और हाइड्रो पॉवर क्षमता बढ़ाने में सहायता मिलेगी।


गृह सचिव से चर्चा—Vibrant Village के लिए उच्चस्तरीय सलाहकार और माणा गाँव के संरक्षण पर जोर

केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन के साथ बैठक में मुख्य सचिव ने Vibrant Village Program के लिए उच्चस्तरीय सलाहकार की नियुक्ति का अनुरोध किया।

उन्होंने राज्य के अत्यंत संवेदनशील और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण माणा गाँव के संरक्षण व समग्र विकास पर केंद्र से विशेष सहयोग की मांग भी रखी।


कौशल विकास मंत्रालय—ITIs, मिनी ITI और International Skilling Centre की मांग

केंद्रीय कौशल विकास सचिव देवाश्री मुखर्जी के साथ बैठक में मुख्य सचिव ने राज्य के युवाओं को और अधिक कौशल आधारित बनाने के लिए कई अहम प्रस्ताव दिए—

  • अधिक आईटीआई संस्थानों की स्थापना,
  • विद्यालयों में मिनी आईटीआई,
  • इंडिया स्किल्स प्रतियोगिताओं को बढ़ावा,
  • और उत्तराखण्ड में इंटरनेशनल स्किलिंग सेंटर की स्थापना।

उन्होंने कहा कि इससे राज्य के युवाओं को राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे।


ग्रामीण विकास सचिव से बैठक—मनरेगा राशि, मजदूरी बढ़ोतरी और PMGSY पर बात

केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह से मुलाकात में मुख्य सचिव ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की—

  • मनरेगा की अवशेष राशि जारी करने,
  • मजदूरी दरों में वृद्धि,
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्यों को बढ़ाने,
  • लखपति दीदी” योजना को मजबूत बनाने,
  • हाउस ऑफ हिमालयाज” के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने

जैसे विषयों पर व्यापक बातचीत हुई।


प्रधानमंत्री कार्यालय से मुलाकात—आपदा प्रबंधन के लिए उन्नत तकनीकी प्रणाली पर चर्चा

प्रधानमंत्री कार्यालय में अधिकारियों से हुई मुलाकात में मुख्य सचिव ने राज्य के कई अहम प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय और सहयोग देने का आग्रह किया।

उन्होंने हिमालयी राज्यों में बढ़ती आपदाओं को देखते हुए—

  • भूस्खलन,
  • बादल फटना,
  • अचानक बाढ़

जैसी घटनाओं से निपटने के लिए उन्नत तकनीक आधारित प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने पर PMO से सहयोग मांगा। इसके साथ ही NDMA द्वारा केंद्र और राज्य के संयुक्त कार्यक्रम के रूप में एक समावेशी आपदा प्रबंधन मॉडल विकसित करने की आवश्यकता भी बताई।

दिल्ली में हुई इन उच्चस्तरीय बैठकों ने स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखण्ड सरकार और केंद्र सरकार के बीच बुनियादी ढांचा, तकनीक, कौशल विकास, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए द्वार खुल रहे हैं।
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन द्वारा उठाए गए मुद्दे न केवल वर्तमान आवश्यकताओं को संबोधित करते हैं, बल्कि उत्तराखण्ड को—

  • टूरिज्म हब,
  • सेमीकंडक्टर व आईटी गंतव्य,
  • आपदा-प्रबंधन में अत्याधुनिक,
  • सीमांत क्षेत्रों में मजबूत

राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम हैं।

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