प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक इंटरव्यू में कई खुलासे किए. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रूस को यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से रोकने के लिए भारत से मदद मांगी. साथ ही उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि अमेरिका ने रूस को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से रोकने के लिए भारत और चीन को फोन किया था. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आउटरीच और सार्वजनिक बयानों ने संकट को टालने में मदद की. दुनिया के कई देश इससे चिंतित थे.
मिडिया सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री ने बताया कि साल 2022 में, रूस ने संभावित रूप से यूक्रेन पर परमाणु हथियार से हमला करने की तैयारी शुरू कर दी थी, जो अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए जाने के बाद युद्ध में पहला परमाणु हमला होता. उन्होंने बताया कि बाइडेन प्रशासन चिंतित था कि रूस सामरिक या युद्धक्षेत्र परमाणु हथियार का उपयोग कर सकता है. अपनी किताब, द रिटर्न ऑफ ग्रेट पॉवर्स में, सीएनएन के जिम स्कुट्टो लिखते हैं कि अमेरिका ने रूस को इस तरह के हमले से हतोत्साहित करने के लिए गैर-सहयोगियों, विशेष रूप से चीन और भारत की मदद ली थी.