
टोरंटो: भारत के मशहूर हास्य कलाकार कपिल शर्मा के कनाडा स्थित रेस्टोरेंट “KAP’S CAFE” पर बुधवार रात फायरिंग की सनसनीखेज वारदात हुई है। इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी हरजीत सिंह लड्डी ने ली है, जो भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़ा हुआ है।
हमले की वीडियो फुटेज वायरल, नौ राउंड फायरिंग
घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति कार के भीतर से कैफे की खिड़की पर कम से कम नौ गोलियां चलाता हुआ दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक गोलीबारी पूर्व नियोजित थी। हालांकि, किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
पुराने बयान से नाराज़गी का दावा, मगर पुष्टि नहीं
सूत्रों के मुताबिक, हरजीत लड्डी ने एक कथित पुराने बयान को लेकर कपिल शर्मा को निशाना बनाया है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कपिल ने कौन-सा बयान दिया था जिससे आतंकी नाराज़ हुआ। सुरक्षा एजेंसियों और मुंबई पुलिस ने भी इस पहलू की जांच शुरू कर दी है।
कैफे का मालिक कौन? कपिल की भूमिका पर भ्रम
बताया जा रहा है कि KAP’S CAFE, जो हाल ही में धूमधाम से लॉन्च किया गया था, कपिल शर्मा का पहला इंटरनेशनल रेस्टोरेंट प्रोजेक्ट है। हालांकि कुछ सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि फायरिंग वाली बिल्डिंग के असली मालिक कोई और हैं, और कपिल की सिर्फ ब्रांडिंग या प्रमोशनल भूमिका हो सकती है।
इसको लेकर कनाडा की स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियां गहराई से जांच में जुटी हैं।
कौन है हरजीत सिंह लड्डी?
हरजीत सिंह लड्डी एक खालिस्तानी आतंकवादी है और बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सक्रिय सदस्य है।
वह भारत में कई आतंकी साजिशों में शामिल रहा है और एनआईए ने उस पर इनाम घोषित कर रखा है।
कई बार लड्डी सोशल मीडिया के जरिए धमकी भरे वीडियो भी जारी कर चुका है।
भारत की एजेंसियां भी सतर्क, कनाडा पर फिर सवाल
इस घटना के बाद एक बार फिर कनाडा में भारत-विरोधी तत्वों की बढ़ती सक्रियता पर सवाल उठने लगे हैं।
यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय नागरिक या प्रतिष्ठान को निशाना बनाया गया हो।
भारत की एजेंसियों ने भी कनाडा में रह रहे वांछित आतंकियों की लिस्ट पहले ही साझा कर रखी है, लेकिन अब तक कार्रवाई को लेकर स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिख रही।
कपिल शर्मा के रेस्टोरेंट पर हुआ हमला महज एक कॉमेडियन पर हमला नहीं, बल्कि यह भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक पहचान पर सीधा वार माना जा रहा है। अब देखना होगा कि कनाडा सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और भारत इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कैसे उठाता है।