
पटना, 30 सितंबर 2025। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की सबसे अहम प्रक्रिया पूरी हो गई है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी गई है। राज्य में अब कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 41 लाख 92 हजार 357 हो गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) बिहार ने इसे सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बताया कि मतदाता अब संबंधित लिंक पर जाकर अपना नाम सूची में देख सकते हैं।
कितने मतदाता हैं बिहार में?
- कुल मतदाता: 7,41,92,357
- पुरुष मतदाता: 3,92,07,804
- महिला मतदाता: 3,49,82,828
- थर्ड जेंडर मतदाता: 1,725
इस बार विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान 18 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं, जबकि 65 लाख नाम हटाए गए। दावा-आपत्ति की प्रक्रिया के बाद 3.66 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए।
जिलेवार बड़ा बदलाव
- पटना जिला: 1 लाख 63 हजार 600 मतदाता बढ़े।
- ड्राफ्ट रोल में मतदाता: 46,51,000
- फाइनल रोल में मतदाता: 48,15,694
- मुजफ्फरपुर जिला: 88 हजार 108 मतदाता बढ़े।
इससे साफ है कि शहरी जिलों में नए मतदाताओं की संख्या ग्रामीण जिलों की तुलना में ज्यादा बढ़ी है।
विशेष श्रेणी के मतदाताओं की संख्या
- 18-19 वर्ष आयु वर्ग: 14,01,150
- 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग: 4,03,985
- दिव्यांग मतदाता: 7,20,709
इस बार युवा और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की संख्या में संतुलित वृद्धि देखने को मिली है। आयोग के अनुसार, दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
SIR के बाद बड़ा अंतर
- एसआईआर से पहले कुल मतदाता: 7.89 करोड़
- एसआईआर के बाद कुल मतदाता: 7.42 करोड़
- यानी, 65 लाख मतदाता कम हो गए।
आयोग का कहना है कि इस बार मृतक, स्थानांतरित और फर्जी प्रविष्टियों को सूची से हटाने पर खास जोर दिया गया।
वोटर लिस्ट क्यों है महत्वपूर्ण?
नई मतदाता सूची का प्रकाशन केवल औपचारिकता नहीं है। इसके कई बड़े फायदे हैं:
- सही जानकारी की पुष्टि: हर मतदाता यह सुनिश्चित कर सकता है कि उसका नाम और विवरण सही तरीके से दर्ज है।
- नई प्रविष्टियां शामिल: जिन लोगों ने बीते महीनों में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया था, उन्हें अब राहत मिलेगी।
- त्रुटियों का सुधार: गलत नाम, जन्मतिथि या पते जैसी त्रुटियों को ठीक कर लिया गया है।
- चुनाव की तैयारी: साफ और सटीक मतदाता सूची आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आधार तैयार करती है।
मतदाता कैसे देखें अपना नाम?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि लोग CEO बिहार की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए वोटर लिस्ट देख सकते हैं। नाम, पिता/पति का नाम या एपिक नंबर डालकर खोज की जा सकती है।
राजनीतिक मायने
फाइनल वोटर लिस्ट जारी होने के बाद अब सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुट जाएंगे। 18-19 साल के नए मतदाताओं की संख्या (14 लाख) चुनावी समीकरण बदल सकती है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में नाम कटने और शहरी क्षेत्रों में नए वोटरों की बढ़ोतरी से सीटवार समीकरण प्रभावित होने तय हैं।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का यह संशोधित संस्करण लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। आयोग का दावा है कि इस बार सूची अधिक पारदर्शी और त्रुटि रहित है। अब देखना होगा कि 7.42 करोड़ मतदाता राज्य की राजनीति की दिशा तय करने में क्या भूमिका निभाते हैं।