
कोलकाता/नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कोलकाता ज़ोनल टीम ने गैर-कानूनी ऑनलाइन सट्टेबाजी पैनल मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹14.29 करोड़ की चल-अचल संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच कर ली है। ये रकम 80 म्यूल बैंक अकाउंट्स में जमा थी। जांच में खुलासा हुआ कि इन म्यूल अकाउंट्स—यानी दूसरों के नाम पर खोले गए बैंक खातों—का इस्तेमाल ऑनलाइन सट्टेबाजी से हुई कमाई को इकट्ठा करने और उसे शेल कंपनियों के जरिए घुमाने के लिए किया जाता था।
यह मामला सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट की उस एफआईआर से जुड़ा है, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) और पश्चिम बंगाल गैंबलिंग एंड प्राइज कंपटीशन एक्ट, 1957 के तहत दर्ज की गई थी।
कैसे चलता था ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क
- अवैध ऐप्स को बाकायदा कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर के तहत संचालित किया जाता था
- पैनल/फ्रेंचाइज़ी किराए पर देकर फील्ड लेवल पर सट्टेबाजी ऐप चलाने की सुविधा दी जाती थी
- कस्टमर एक्विज़िशन, कॉल सेंटर, अकाउंट्स और विनिंग सेटलमेंट जैसे अलग-अलग विभाग थे
- नेटवर्क व्हाट्सऐप ग्रुप्स और टेलीग्राम चैनल्स के माध्यम से गुप्त रूप से संचालित होता था
- पैनल खरीदने के लिए भुगतान क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में किया जाता था
पहले की कार्रवाई
- 3 जून 2025 को ईडी ने पश्चिम बंगाल, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और असम में छापेमारी की थी
- कई डिजिटल डिवाइस और अहम दस्तावेज़ जब्त हुए
- विशाल भारद्वाज उर्फ़ बादल भारद्वाज, सोनू कुमार ठाकुर और अभिषेक बंसल को गिरफ्तार किया गया, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं
- ईडी अब तक 1,130 म्यूल बैंक अकाउंट्स फ्रीज़ कर चुकी है, जिनमें ₹10.20 करोड़ जमा थे
कोर्ट की कार्यवाही
1 अगस्त 2025 को ईडी ने इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने मामले में प्री-कोग्निज़ेंस ऑर्डर जारी कर दिया है।