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उत्तराखंड में PCS अफसरों को IAS कैडर में प्रमोशन का इंतज़ार, सुप्रीम कोर्ट की मुहर पर टिकी नजरें

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देहरादून: उत्तराखंड में PCS अधिकारियों के लिए IAS बनने का रास्ता अब धीरे-धीरे साफ होता दिख रहा है। राज्य में पदोन्नति कोटे के तहत खाली IAS पदों को भरने के लिए आगामी समय में DPC (विभागीय पदोन्नति समिति) की बैठक की उम्मीद की जा रही है। इस बीच कुछ वरिष्ठ PCS अधिकारियों को प्रमोशन का लाभ जल्द मिल सकता है, जिनमें सबसे प्रमुख नाम निधि यादव का है।

निधि यादव को मिलेगा IAS कैडर में प्रमोशन
वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी निधि यादव लंबे समय से IAS प्रमोशन की कतार में थीं। लेकिन पूर्व में विजिलेंस जांच लंबित रहने के कारण उन्हें प्रमोशन नहीं मिल सका था। अब विजिलेंस से क्लीन चिट मिलने और केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद उन्हें IAS कैडर में प्रमोशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

इन अफसरों को भी मिलेगा प्रमोशन का लाभ
शासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, तीन रिक्त पदों पर बंसीलाल राणा, नरेंद्र सिंह कुड़ियाल और निधि यादव को पदोन्नति का लाभ मिल सकता है। वहीं, वर्ष 2024 में चार नए पद रिक्त हुए हैं, जिनमें सेवानिवृत्त होने वाले वरिष्ठ IAS अधिकारियों में अरविंद सिंह ह्यांकी, विनोद रतूड़ी, विजय कुमार यादव और उदयराज सिंह के नाम शामिल हैं। इनके स्थान पर भी PCS अधिकारियों को प्रमोशन का मौका मिलेगा।

सीनियरिटी सूची सुप्रीम कोर्ट में अटकी
उत्तराखंड में PCS से IAS में प्रमोशन की सबसे बड़ी बाधा वरिष्ठता सूची का विवाद है, जो इस समय सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अंतिम वरिष्ठता सूची के अभाव में कई पदोन्नतियाँ अधर में लटकी हुई हैं। अखिल भारतीय सेवा नियमावली के अनुसार, प्रमोशन के लिए अधिकारी के पास कम से कम 4 साल की शेष सेवा अवधि होनी चाहिए।

2027 तक खाली होंगे 10 पद
वर्तमान रिक्तियों के साथ अगर आगामी वर्षों को देखें तो 2027 तक प्रमोशन कोटे में IAS के कम से कम 10 पद रिक्त हो जाएंगे। मई 2025 में हरिश्चंद्र सेमवाल, फरवरी 2026 में दीपेंद्र चौधरी, अप्रैल 2026 में देव कृष्णा तिवारी, जून 2027 में विनय शंकर पांडे, जुलाई 2027 में सुरेंद्र नारायण पांडे और मार्च 2027 में उमेश नारायण पांडे सेवानिवृत्त होंगे। इससे PCS अधिकारियों के लिए IAS बनने के अवसर और बढ़ेंगे।

इन अधिकारियों को मिल सकता है लाभ
सीनियरिटी के आधार पर जिन PCS अधिकारियों को IAS कैडर में प्रमोशन का लाभ मिल सकता है, उनमें जीवन सिंह नग्नयाल, सादिया आलम, ललित नारायण मिश्रा, अशोक कुमार पांडे, विप्र त्रिवेदी, अभिषेक त्रिपाठी, शिवकुमार बरनवाल, ईलागिरी, राहुल गोयल और जय भारत सिंह शामिल हैं।

जांच प्रकरण और रुके प्रमोशन
कुछ PCS अधिकारियों के प्रमोशन जांच मामलों के चलते रुके हुए हैं। रामजी शरण शर्मा को अब 7600 ग्रेड पे से 8700 ग्रेड पे तक प्रमोशन मिल सकता है क्योंकि उनकी जांच पूरी हो चुकी है। भवन चलाल और तीरथ पाल के प्रमोशन फिलहाल बंद लिफाफों में अटके हैं।

उत्तराखंड में PCS से IAS कैडर में प्रमोशन पाने की उम्मीदें एक बार फिर जाग उठी हैं, लेकिन यह पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट में लंबित वरिष्ठता सूची पर निर्भर करता है। अगर न्यायालय से सकारात्मक निर्णय आता है तो अगले दो वर्षों में राज्य के कई वरिष्ठ PCS अधिकारी IAS कैडर में जा सकते हैं, जिससे राज्य प्रशासन को नई ऊर्जा और अनुभवी नेतृत्व मिल सकेगा।

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