
चेन्नई/तमिलनाडु: चक्रवाती तूफान ‘दित्वा’ दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही मचा रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश और जलभराव के मद्देनज़र चेन्नई, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम जिलों के सभी विद्यालय और महाविद्यालय 2 दिसंबर को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। जिला अधिकारियों ने सोमवार देर रात एहतियाती कदम के रूप में यह घोषणा की।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों जिलों के कलेक्टरों ने मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश के अलर्ट के बाद छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए एक दिन की छुट्टी घोषित की है। प्रशासन ने निवासियों को चेताया है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और राज्य सरकार व आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
दित्वा के प्रभाव से बिगड़े हालात, चेन्नई में जलजमाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
तमिलनाडु के कई जिलों में रविवार से लगातार तेज़ बारिश हो रही है। सोमवार को भी चेन्नई और आसपास के इलाकों में हालात सामान्य नहीं दिखे। भारी वर्षा के चलते:
- कई मुख्य सड़कों और राजमार्गों पर भीषण जलभराव
- निचले इलाकों में रिहायशी क्षेत्रों का डूबना
- यातायात व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव
- बसों और निजी वाहनों के फंसने की घटनाएँ
वेलाचेरी की एजीएस कॉलोनी पूरी तरह जलमग्न हो गई। एक कार के डूबने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जबकि पूनमल्ली में अचानक आई बाढ़ के कारण एक सरकारी बस भी फंस गई। चेन्नई के व्यस्त काठीपारा फ्लाईओवर समेत कई इलाकों में ट्रैफिक लंबे समय तक अवरुद्ध रहा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अचानक जलभराव और सड़क किनारे बने गड्ढों के कारण कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेन्नई और तिरुवल्लूर में मंगलवार सुबह तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, क्योंकि चक्रवात तट के क़रीब बेहद सक्रिय हो गया है।
तीन लोगों की मौत, जान-माल के नुकसान का खतरा बढ़ा
तमिलनाडु के आपदा प्रबंधन मंत्री के एस एस आर रामचंद्रन ने बताया कि राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
चक्रवात के कारण तेज़ हवाओं, पेड़ों के गिरने और जलभराव से कई जगहों पर हालात खतरनाक बने हुए हैं।
आंधी-बरसात के चलते बिजली आपूर्ति, सड़क परिवहन, और कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएँ भी प्रभावित हुई हैं।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने की राहत की घोषणा, लगातार कर रहे हैं मॉनिटरिंग
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राज्यभर में बारिश से हुए नुकसान का संज्ञान लेते हुए त्वरित राहत उपायों का आदेश दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर जानकारी दी:
“पूर्वोत्तर मानसून के दौरान धान सहित फसलों, घरों, पशुधन और मानव जीवन की हानि के लिए SDRF से तुरंत मुआवज़ा दिया जाएगा। सभी प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी कार्यों की मैं स्वयं निगरानी कर रहा हूँ।”
सीएम स्टालिन ने यह भी कहा कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों के लिए:
- भोजन
- दवाइयाँ
- पीने का पानी
- अस्थायी आवास
- सुरक्षा व्यवस्था
सरकार द्वारा पूरी तरह उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने तक सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध रहेंगी।
प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें
प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि:
- भारी बारिश वाले क्षेत्रों से दूर रहें
- जलभराव वाली सड़कों पर वाहन न चलाएँ
- समुद्र तट और नदी किनारों पर न जाएँ
- बिजली के खंभों, पेड़ों और ढीली वायरिंग से दूरी बनाए रखें
- सतर्कता के साथ स्थानीय प्रशासन की सलाह का पालन करें
आपदा प्रबंधन टीमें, फायर सर्विस, पुलिस और निगम कर्मी लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
IMD का पूर्वानुमान: अगले 24 घंटों में बिगड़ सकते हैं हालात
मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवाती तूफान दित्वा फिलहाल तट के पास समुद्री क्षेत्र में सक्रिय है और इससे:
- तेज़ हवाएँ
- भारी बारिश
- तटीय इलाकों में समुद्र का ऊँचा उठना
- लो-लाइंग क्षेत्रों में डूबने का खतरा
बढ़ सकता है। IMD ने रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा कि हताहतों और नुकसान से बचने के लिए अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष
चक्रवात दित्वा ने तमिलनाडु के कई हिस्सों में जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जलभराव, परिवहन बाधित होने और लगातार जारी भारी बारिश के बीच तीन जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद करने का निर्णय छात्रों की सुरक्षा के लिहाज़ से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार राहत और बचाव कार्यों पर नज़र बनाए हुए है, लेकिन आने वाले 24 घंटे राज्य के लिए चुनौतीपूर्ण रहने की संभावना है।



