
देहरादून, 16 जुलाई। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए विजिलेंस को खुली छूट दे रखी है। इसका प्रभाव अब साफ तौर पर आंकड़ों में नजर आने लगा है। वर्ष 2021 में जहां विजिलेंस द्वारा की गई गिरफ्तारियों की संख्या महज 5 थी, वहीं 2024 में यह बढ़कर 38 तक पहुंच गई। यही नहीं, मजबूत साक्ष्यों के साथ अदालतों में पैरवी करते हुए विजिलेंस 71% मामलों में दोषियों को सजा दिलाने में भी सफल रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने सरकार संभालते ही ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ की नीति को सार्वजनिक मंचों पर बार-बार दोहराया। अब उनके इस निर्देश का असर फील्ड में भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है।
विजिलेंस के आंकड़ों में बड़ा इजाफा
विगत साढ़े चार वर्षों में विजिलेंस ने 82 ट्रैप ऑपरेशन चलाए और 94 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 13 राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हैं। प्राप्त 125 शिकायतों में से 18 में प्रारंभिक जांच, 25 में खुली जांच के बाद कार्रवाई की गई। गौर करने वाली बात यह है कि इनमें से अधिकांश मामलों में कोर्ट से सजा भी सुनिश्चित कराई गई।
वर्ष | गिरफ्तारी | फैसले | सजा |
---|---|---|---|
2021 | 07 | 02 | 02 |
2022 | 15 | 03 | 01 |
2023 | 20 | 18 | 16 |
2024 | 38 | 13 | 07 |
2025 | 14 (जुलाई तक) | 03 | 02 |
कई बड़े अधिकारी भी गिरे शिकंजे में
राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भ्रष्टाचार के मामलों में कई हाई-प्रोफाइल अधिकारी भी विजिलेंस के जाल में फंसे हैं:
- लोक निर्माण विभाग (PWD) के एई – ठेकेदार से रिश्वत मांगने पर गिरफ्तार
- यूपीसीएल जेई – ₹15,000 घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया
- एलआईयू के उप निरीक्षक व आरक्षी – रामनगर में रिश्वत लेते गिरफ्तार
- रोडवेज AGM – अनुबंधित बस संचालन में ₹90,000 रिश्वत लेते काशीपुर में गिरफ्तार
- खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) – खानपुर, हरिद्वार में ₹10,000 घूस लेते धरा गया
- GST सहायक आयुक्त – देहरादून में ₹75,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार
- जिला आबकारी अधिकारी – रुद्रपुर में 10 लाख के माल पर 10% कमीशन की डील करते पकड़ा गया
मुख्यमंत्री धामी का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,
“हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाकर सुशासन की संस्कृति स्थापित करना चाहते हैं। विजिलेंस को पूरी छूट दी गई है और अब इसका असर स्पष्ट है। कोर्ट से सजा दिलाने तक सरकार गंभीर पैरवी कर रही है।”
राज्य सरकार ने जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए टोल-फ्री नंबर 1064 भी जारी किया है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि आरोपी कर्मचारी या अधिकारी को अंतिम निर्णय तक किसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से दूर रखा जाए।