
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक के माध्यम से राज्य के सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के साथ आगामी मानसून सीजन 2025 को लेकर आपदा प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने आपदा की स्थिति में त्वरित रिस्पांस टाइम को प्राथमिकता देने और सभी विभागों को 24×7 सतर्क रहने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए न केवल पूर्व तैयारी आवश्यक है, बल्कि आपदा के समय तत्काल प्रतिक्रिया (रिस्पांस टाइम) भी सबसे अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने संबंधित जिलों — हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और चंपावत — में जलभराव और बाढ़ की संभावनाओं के मद्देनजर मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में इन दिनों चल रही चारधाम यात्रा को देखते हुए सभी रेखीय विभागों को पूर्ण सतर्कता और तत्परता से कार्य करना होगा, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में राहत और बचाव कार्यों में देरी न हो।
बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सभी विभागों के नोडल अधिकारी तैनात किए जा चुके हैं। साथ ही, राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) तथा अन्य स्रोतों से ₹162 करोड़ की धनराशि जनपदों को राहत-बचाव और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए जारी कर दी गई है। प्रत्येक जनपद को ₹1-1 करोड़ की अतिरिक्त राशि भी शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि वर्षा ऋतु में बाढ़ और जलभराव की एक मुख्य वजह नदियों में सिल्ट (गाद) का जमाव है। उन्होंने वन क्षेत्रों में भी डिसिल्टिंग कराने के लिए जिलाधिकारियों को शासन से समन्वय कर समस्या समाधान निकालने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराना शासन की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि धन की कोई कमी नहीं है, लेकिन इसका दुरुपयोग किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए। सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आपदा मद की धनराशि का 100% सदुपयोग हो।
मुख्य सचिव द्वारा दिए गए अन्य प्रमुख निर्देश:
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बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहले से पहचान कर, समय पर नागरिकों का सुरक्षित विस्थापन।
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राहत शिविरों की स्थापना, खानपान, चिकित्सा, पशुओं के लिए चारा और चिकित्सा की व्यवस्था।
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नाव, राफ्ट, JCB, बैली ब्रिज, व अन्य संसाधनों की पूर्व व्यवस्था।
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खाद्यान्न, ईंधन (पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी) का भंडारण।
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दूरस्थ क्षेत्रों के दुकानदारों को आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक रखने का निर्देश।
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जल जनित बीमारियों से निपटने हेतु दवाओं का भंडारण।
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गर्भवती महिलाओं का डाटा संकलन और नजदीकी अस्पतालों की पहचान।
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बिजली व जलापूर्ति उपकरणों का वैकल्पिक भंडारण।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पंकज कुमार पाण्डेय, एस.एन. पाण्डेय, सी. रविशंकर, धीराज गर्ब्याल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, अनु सचिव ज्योतिर्मय त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।