
नई दिल्ली, 11 नवंबर: राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में हुए भीषण विस्फोट ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इस हमले में अब तक 10 लोगों की मौत और 30 से अधिक घायल हुए हैं। जांच में प्रारंभिक रूप से यह फिदायीन आतंकी हमला बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े डॉक्टर उमर मोहम्मद को इस हमले का मुख्य संदिग्ध माना जा रहा है। पुलिस ने उसकी पहली तस्वीर जारी की है और डीएनए जांच के माध्यम से पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
लालकिला के पास आई20 कार में हुआ विस्फोट
दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह विस्फोट सोमवार शाम करीब 6 बजकर 50 मिनट पर हुआ। लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास पार्किंग क्षेत्र में खड़ी एक आई20 कार में जबरदस्त धमाका हुआ, जिससे आसपास की कई गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं और राहगीर इसकी चपेट में आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके की आवाज़ “बिजली के ट्रांसफार्मर फटने” जैसी थी, पर कुछ ही सेकंड में आग की लपटें और धुआँ फैल गया।
विस्फोट के बाद मौके पर पहुंचे अग्निशमन दल और एनएसजी की टीमों ने इलाके को घेर लिया। घायल लोगों को नजदीकी एलएनजेपी और अरुणा आसफ अली अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा – संदिग्ध अकेले दिखाई दिया
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा और एनआईए की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आई20 कार लालकिले की पार्किंग में दोपहर 3 बजकर 19 मिनट पर खड़ी की गई थी, और करीब 6 बजकर 48 मिनट पर पार्किंग से बाहर निकली। इसी दौरान धमाका हुआ।
जांच एजेंसियों ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाली हैं। एक फुटेज में संदिग्ध व्यक्ति कार को पार्किंग में लाते हुए और बाद में बाहर जाते हुए दिखाई दे रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने कार की नंबर प्लेट और टोल डेटा के आधार पर इसका लिंक पुलवामा निवासी तारिक अहमद से जोड़ा है, जिसने यह कार डॉ. उमर मोहम्मद को दी थी।
फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े धागे
जांच में सामने आया है कि यह धमाका फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हो सकता है। इसी मॉड्यूल से 2900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी, जिसके सिलसिले में दो डॉक्टर — आदिल अहमद और मुजम्मिल शकील — पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि डॉक्टर उमर मोहम्मद इस मॉड्यूल का तीसरा सदस्य था, जो गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार था। माना जा रहा है कि साथियों की गिरफ्तारी से भयभीत होकर उसने यह फिदायीन हमला अंजाम दिया।
डॉ. उमर मोहम्मद – जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा चिकित्सक
सूत्रों के अनुसार, उमर मोहम्मद पुलवामा का रहने वाला और पेशे से एक डॉक्टर है। वह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी नेटवर्क से जुड़ा था। उसकी पहचान हाल ही में फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल के दौरान सामने आई थी।
एनआईए के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “धमाके में बरामद शव के कुछ हिस्सों और अंगों का डीएनए परीक्षण कराया जा रहा है। हमें शक है कि वही डॉक्टर उमर मोहम्मद था। अगर यह पुष्टि होती है तो यह देश की राजधानी में एक आत्मघाती हमले का मामला साबित होगा।”
देशभर में हाई अलर्ट, राज्यों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
दिल्ली धमाके के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। विशेष रूप से उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सीमाई चौकियों और परिवहन हब्स पर जांच बढ़ा दी गई है।
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने सोमवार रात राज्यव्यापी हाई अलर्ट जारी किया।
पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि संवेदनशील, धार्मिक और भीड़भाड़ वाले स्थलों पर सघन चेकिंग अभियान चलाए जाएँ।
राज्य के सभी चीता मोबाइल यूनिट्स, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड को सक्रिय किया गया है।
मुख्यालय ने कहा कि “राज्य पुलिस पूर्ण सतर्कता के साथ सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखे हुए है। नागरिक किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत 112 पर दें।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ – वाम दलों ने जताया दुख, कार्रवाई की मांग
घटना पर वाम दलों ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव एम. ए. बेबी ने ‘एक्स’ पर लिखा,
“लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके की खबर से गहरा सदमा लगा है।
शोक-संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना।”
उन्होंने केंद्र सरकार से गहन जांच और दोषियों को सख्त सजा की मांग की।
भाकपा (सीपीआई) नेता डॉ. अतुल कुमार अंजान ने भी बयान जारी कर कहा कि “देश की राजधानी में सुरक्षा तंत्र की विफलता चिंताजनक है। केंद्र को खुफिया एजेंसियों की समन्वय प्रणाली को और मजबूत करना चाहिए।”
एजेंसियों की संयुक्त जांच – एनआईए, एसपीएल सेल और फॉरेंसिक टीमें जुटीं
घटनास्थल से एनआईए, फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीमें अब भी साक्ष्य जुटा रही हैं।
कार के मलबे, धातु के टुकड़ों और विस्फोटक के अंशों को जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस के अनुसार, प्राथमिक जांच में यह आरडीएक्स या उच्च क्षमता वाले मिश्रित विस्फोटक का इस्तेमाल प्रतीत होता है।
दिल्ली पुलिस के आयुक्त संजय अरोड़ा ने कहा, “हम हर कोण से जांच कर रहे हैं। कई राज्यों में छापेमारी जारी है और इस हमले के मास्टरमाइंड तक पहुँचने के लिए टीमों को रवाना किया गया है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल, खुफिया एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी
यह धमाका ऐसे समय में हुआ है जब सुरक्षा एजेंसियाँ पहले से ही दीपावली और छठ पर्व के मद्देनज़र हाई अलर्ट पर थीं। फरीदाबाद मॉड्यूल की बरामदगी और अब दिल्ली में यह धमाका, आतंकी संगठनों के नए नेटवर्क के संकेत दे रहे हैं।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और मेडिकल नेटवर्क्स के माध्यम से भर्ती किए गए युवा पेशेवरों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
लालकिला धमाका केवल एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा और खुफिया ढांचे के लिए एक नई चुनौती बनकर उभरा है।
एजेंसियाँ अब यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि डॉक्टर उमर मोहम्मद ने यह हमला अकेले अंजाम दिया या इसके पीछे कोई संगठित आतंकी नेटवर्क सक्रिय था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्कता बढ़ाने और प्रमुख स्थलों पर सुरक्षा की समीक्षा के निर्देश दिए हैं.



