
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में संगठित अपराध और गैंगस्टर नेटवर्क की कमर तोड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने 18 सितंबर की रात एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस कार्रवाई में कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना के पिता प्रेम सिंह को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई ने न सिर्फ अपराध जगत में हड़कंप मचा दिया है, बल्कि यह साफ कर दिया है कि अब दिल्ली पुलिस संगठित अपराध के खिलाफ नो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रही है।
39 जगहों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति जब्त
आउटर नॉर्थ जिले की पुलिस टीम ने दिल्ली और हरियाणा के कई जिलों में 39 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। रातभर चले इस ऑपरेशन में पुलिस को भारी सफलता मिली।
- करीब 50 लाख रुपये नकद
- 1.25 किलो सोना
- बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो गाड़ी
- चार कट्टे और कई जिंदा कारतूस
बरामद किए गए। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई गैंग के आर्थिक नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
दिल्ली-एनसीआर में सबसे बड़ी कार्रवाई
इस संयुक्त अभियान में दिल्ली के साथ-साथ सोनीपत, झज्जर, रोहतक, सांपला और बहादुरगढ़ में भी एक साथ दबिश दी गई। पुलिस का मानना है कि बवाना गैंग न सिर्फ राजधानी बल्कि पूरे एनसीआर में अपराध, रंगदारी और अवैध हथियारों के कारोबार में सक्रिय है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस बार का ऑपरेशन पूरी तरह से गुप्त रणनीति के तहत चलाया गया। ताकि गैंग से जुड़े लोग पहले से सतर्क न हो पाएं।
तिहाड़ जेल में बंद है नीरज बवाना
गैंगस्टर नीरज बवाना फिलहाल 2015 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उस पर हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण और अवैध हथियार रखने जैसे दर्जनों मामले दर्ज हैं।
जांच एजेंसियों का मानना है कि जेल के भीतर से भी बवाना अपने गैंग को कंट्रोल करता है और कई बार पुलिस को खुफिया जानकारी के आधार पर उसकी गतिविधियों को रोकना पड़ा है। यही वजह है कि उसके परिवार और सहयोगियों पर भी पुलिस अब सख्ती से नकेल कस रही है।
गैंग की संपत्ति पर भी नजर
दिल्ली पुलिस को शक है कि बवाना और उसके गिरोह के पास भारी मात्रा में अवैध संपत्ति और हथियार छिपाए गए हैं। बरामद सोना, नकदी और गाड़ियां इस बात का संकेत हैं कि गैंग ने पिछले कई वर्षों में अवैध तरीकों से करोड़ों की संपत्ति जुटाई है।
सूत्र बताते हैं कि पुलिस अब इस संपत्ति की भी गहन जांच करेगी और शक है कि इसे जब्त कर सरकार के खजाने में जमा कराया जाएगा।
पुलिस का सख्त संदेश: अपराधियों के लिए जगह नहीं
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले समय में ऐसे और ऑपरेशन चलाए जाएंगे।
- डीसीपी आउटर नॉर्थ ने कहा कि हमारा मकसद है कि संगठित अपराध का पूरी तरह सफाया किया जाए।
- यह भी स्पष्ट किया गया कि अपराधियों को पनाह देने वाले, चाहे वे किसी भी रिश्ते या पहचान से जुड़े हों, बख्शे नहीं जाएंगे।
बवाना गैंग: दिल्ली का सबसे खतरनाक नेटवर्क
दिल्ली के गैंगवार इतिहास में बवाना गैंग का नाम सबसे ऊपर आता है। नीरज बवाना ने बहुत कम उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा और देखते ही देखते उसका नेटवर्क दिल्ली-हरियाणा तक फैल गया।
- उसके गैंग पर कई हत्याओं और फिरौती की घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं।
- नीरज ने जेल में रहते हुए भी मोबाइल और अपने साथियों के जरिए कई बार पुलिस को चुनौती दी।
- जेल में बंद रहते हुए भी उसका नाम तिलक नगर और नजफगढ़ गैंगवार में सामने आया था।
स्थानीय लोगों ने ली राहत की सांस
इस बड़े ऑपरेशन के बाद एनसीआर के कई इलाकों में लोगों ने राहत की सांस ली है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बवाना और उसके गैंग के लोग अक्सर धमकी और रंगदारी से इलाके के व्यवसायियों और आम लोगों को परेशान करते थे।
अब जब पुलिस ने गैंग की रीढ़ पर चोट की है, लोगों को उम्मीद है कि अपराध पर अंकुश लगेगा और इलाका सुरक्षित होगा।
नीरज बवाना के पिता की गिरफ्तारी और करोड़ों की संपत्ति व हथियारों की बरामदगी ने यह साफ कर दिया है कि दिल्ली पुलिस अब अपराधियों को कहीं भी छिपने नहीं देगी।
यह कार्रवाई सिर्फ एक गैंग पर प्रहार नहीं, बल्कि पूरे अपराध जगत के लिए एक सख्त संदेश है कि कानून से बड़ा कोई नहीं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि आगे पुलिस और कौन से कदम उठाती है और बवाना गैंग का भविष्य किस दिशा में जाता है।