
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी और उससे जुड़े धनशोधन मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी से शुक्रवार को नई दिल्ली में पूछताछ की। अधिकारियों के मुताबिक, यह पूछताछ धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई और उनका बयान औपचारिक रूप से दर्ज किया गया है। जांच एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि पूछताछ का यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है।
ईडी सूत्रों के अनुसार, 34 वर्षीय जय अनमोल अंबानी से उन वित्तीय लेन-देन और कंपनियों से जुड़े सवाल पूछे गए हैं, जो कथित तौर पर बैंकों से लिए गए बड़े कर्ज और उनके उपयोग से संबंधित हैं। इस मामले में ईडी पहले से ही अनिल अंबानी समूह की कई कंपनियों के वित्तीय रिकॉर्ड और लेन-देन की जांच कर रही है।
PMLA के तहत दर्ज किया गया बयान
अधिकारियों ने बताया कि जय अनमोल अंबानी को ईडी कार्यालय बुलाकर PMLA की धारा 50 के तहत बयान दर्ज किया गया। इस प्रावधान के तहत ईडी किसी भी व्यक्ति को तलब कर उससे पूछताछ कर सकती है और दर्ज बयान को कानूनी साक्ष्य माना जाता है।
सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान ईडी ने बैंक लोन, गारंटी, इंटर-कॉरपोरेट ट्रांजैक्शन, प्रमोटर भूमिका और कंपनियों के भीतर धन के प्रवाह (फंड फ्लो) से जुड़े सवाल किए।
किस मामले से जुड़ी है जांच?
यह मामला अनिल अंबानी समूह से जुड़ी कुछ कंपनियों द्वारा बैंकों से लिए गए भारी-भरकम ऋण और उनके कथित दुरुपयोग से जुड़ा है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इन ऋणों का उपयोग निर्धारित उद्देश्यों के बजाय अन्य कंपनियों या खातों में ट्रांसफर किया गया, जिससे बैंकों को भारी नुकसान हुआ।
ईडी की यह जांच सीबीआई और बैंकों द्वारा दर्ज की गई प्राथमिक शिकायतों (FIR) के आधार पर शुरू हुई है। इन शिकायतों में कथित तौर पर कर्ज की शर्तों के उल्लंघन, फर्जी दस्तावेज, गारंटी में गड़बड़ी और धन की हेराफेरी के आरोप शामिल हैं।
अनिल अंबानी समूह पहले भी जांच के घेरे में
यह पहला मौका नहीं है जब अनिल अंबानी समूह की कंपनियां जांच एजेंसियों के रडार पर आई हों। इससे पहले भी ईडी और सीबीआई रिलायंस एडीए ग्रुप से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी, ऋण चूक और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जांच कर चुकी हैं।
बीते वर्षों में ईडी ने समूह से जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी की थी और दस्तावेजों के साथ डिजिटल सबूत भी जब्त किए थे। इस मामले में अब जय अनमोल अंबानी से पूछताछ को जांच के दायरे के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है।
कौन हैं जय अनमोल अंबानी?
जय अनमोल अंबानी उद्योगपति अनिल अंबानी के बड़े बेटे हैं। वह लंबे समय से रिलायंस एडीए ग्रुप से जुड़ी कंपनियों के संचालन और रणनीतिक निर्णयों में भूमिका निभाते रहे हैं। वह समूह की कई कंपनियों के बोर्ड में भी रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, ईडी यह जानने की कोशिश कर रही है कि जय अनमोल अंबानी की भूमिका केवल प्रबंधन तक सीमित थी या वह कथित वित्तीय फैसलों और लेन-देन में भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल थे।
शनिवार को भी जारी रह सकती है पूछताछ
अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि शुक्रवार की पूछताछ के बाद शनिवार को भी जय अनमोल अंबानी को फिर से बुलाया जा सकता है। ईडी आमतौर पर जटिल आर्थिक अपराधों में कई चरणों में पूछताछ करती है, ताकि सभी दस्तावेजों और बयानों का मिलान किया जा सके।
ईडी सूत्रों का कहना है कि जांच का फोकस इस बात पर है कि क्या बैंक ऋण से प्राप्त धन को किसी अन्य उद्देश्य के लिए डायवर्ट किया गया और क्या इस प्रक्रिया में धनशोधन का अपराध बनता है।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, PMLA के तहत पूछताछ का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यक्ति आरोपी ही है। यह जांच प्रक्रिया का हिस्सा होता है। हालांकि, यदि ईडी को पर्याप्त सबूत मिलते हैं तो आगे चलकर चार्जशीट, संपत्ति कुर्की या गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई भी हो सकती है।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में ईडी का दायरा काफी व्यापक होता है, क्योंकि इसमें न केवल कर्ज लेने वाली कंपनियां, बल्कि प्रमोटर्स, निदेशक और अन्य संबंधित व्यक्ति भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।
बैंकिंग सेक्टर पर असर
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब केंद्र सरकार और जांच एजेंसियां बैंकिंग सेक्टर में धोखाधड़ी और एनपीए (NPA) के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई कर रही हैं। बड़े कॉर्पोरेट लोन डिफॉल्ट मामलों में जवाबदेही तय करने के लिए ईडी और सीबीआई की सक्रियता लगातार बढ़ी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हाई-प्रोफाइल मामलों में की जा रही यह कार्रवाई बैंकों और निवेशकों के भरोसे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।
अनिल अंबानी या समूह की प्रतिक्रिया
फिलहाल इस मामले पर अनिल अंबानी या रिलायंस एडीए ग्रुप की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इससे पहले समूह कई मामलों में यह कह चुका है कि वह जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा है और सभी आरोपों को कानूनी तरीके से चुनौती देगा।
आगे क्या?
अब सभी की नजरें ईडी की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। जांच एजेंसी द्वारा दर्ज बयानों, बैंक दस्तावेजों और लेन-देन के विश्लेषण के आधार पर यह तय होगा कि मामले में आगे कौन-सी कानूनी कार्रवाई की जाती है।
निष्कर्ष
जय अनमोल अंबानी से ईडी की पूछताछ इस बात का संकेत है कि बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में जांच एजेंसियां अब किसी भी स्तर पर सख्ती बरतने से पीछे नहीं हट रही हैं। आने वाले दिनों में यह मामला कॉर्पोरेट और बैंकिंग जगत में और हलचल पैदा कर सकता है।



