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देहरादून में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण पर DM सविन बंसल सख्त — 31 दिसंबर तक 50% से अधिक मैपिंग लक्ष्य पूरे करने के निर्देश

देहरादून, 20 दिसंबर 2025। जनपद देहरादून में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे विधानसभा-वार मतदाता सूची मैपिंग कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक आज जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि मतदाता सूची के अपडेट कार्य को पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाना चाहिए, ताकि आगामी निर्वाचन प्रक्रियाओं के लिए एक सटीक और त्रुटिरहित मतदाता सूची सुनिश्चित की जा सके।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, उप जिलाधिकारी हरिगिरि, निदेशक ग्रामीण विकास अभिकरण विक्रम सिंह, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पी.सी. त्रिपाठी, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डयाल समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वहीं, जनपद के सभी सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ARO) ऑनलाइन माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

निर्धारित समयसीमा में लक्ष्य पूरा करने पर

जोरजिलाधिकारी सविन बंसल ने बैठक के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विधानसभाओं में चल रहे मैपिंग कार्यों को 31 दिसंबर 2025 तक निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में कम से कम 50 प्रतिशत से अधिक मैपिंग का कार्य इस निर्धारित समयसीमा तक पूरा हो जाना चाहिए। डीएम बंसल ने कहा—“हमारा लक्ष्य केवल कार्य पूरा करना नहीं, बल्कि उसे सटीकता और गुणवत्तापूर्ण परिणाम के साथ संपन्न करना है। मतदाता सूची लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियाद है, इसलिए किसी भी प्रकार की त्रुटि या लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।”उन्होंने अधिकारी वर्ग को निर्देशित किया कि वे प्रतिदिन की प्रगति की व्यक्तिगत समीक्षा करें और जहां भी मैपिंग प्रक्रिया में कोई तकनीकी या प्रशासनिक अड़चन आ रही हो, उसकी सूचना शीघ्र जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराएं। डीएम ने कहा कि कार्य की गति बनाए रखने के लिए प्रत्येक स्तर पर समन्वय आवश्यक है – चाहे वह निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO/ARO) हों या फील्ड स्तर पर कार्यरत कर्मचारी।

सटीक और पारदर्शी मतदाता सूची मुख्य लक्ष्य

डीएम सविन बंसल ने जोर देकर कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक, अद्यतन और पारदर्शी बनाना है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया में हर पात्र नागरिक का नाम दर्ज हो यह सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जनसंख्या के बदलाव, शहरीकरण, और प्रवासन के चलते मतदाता सूचियों में कई स्थानों पर संशोधन की आवश्यकता पड़ी है। SIR कार्यक्रम इसी दिशा में एक प्रभावी कदम है, जो न केवल मतदाता सूची को विश्वसनीय बनाएगा, बल्कि चुनावों के दौरान पारदर्शिता को भी सुदृढ़ करेगा।इसके साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि विभागीय समन्वय को मजबूत करना इस कार्य की सफलता की कुंजी है। उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों से अपेक्षा जताई कि वे अपने-अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारी का बोध कराते हुए मैदानी स्तर पर सक्रिय निगरानी सुनिश्चित करें।

लापरवाही पर होगी कार्यवाही, प्रत्येक क्षेत्र में दैनिक समीक्षा अनिवार्य

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर कार्य में ढिलाई या लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा—“मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य में जिम्मेदारी और जवाबदेही अत्यंत आवश्यक है। हर अधिकारी को यह ध्यान रखना होगा कि यह सिर्फ औपचारिक कार्य नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव मजबूत करने की प्रक्रिया है।”उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों में मैपिंग कार्य का दैनिक निरीक्षण करें। दैनिक आधार पर प्रगति का डेटा अपडेट किया जाए और जिला निर्वाचन कार्यालय में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इससे न केवल कार्य की सटीक निगरानी हो सकेगी, बल्कि जिन क्षेत्रों में धीमी प्रगति हो रही है, वहां त्वरित हस्तक्षेप भी संभव होगा।

तकनीकी साधनों का प्रभावी उपयोग और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर बल

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष निर्वाचन आयोग द्वारा आधुनिक तकनीकी साधनों और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है। GIS आधारित मैपिंग, रीयल-टाइम डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल सर्वे ऐप्स के माध्यम से अब मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण कार्य को ज्यादा पारदर्शी एवं तेज गति से किया जा सकता है।डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन तकनीकी साधनों का पूर्ण प्रयोग किया जाए और फील्ड स्टाफ को तकनीकी प्रशिक्षण जल्द पूरा कराया जाए, जिससे किसी भी तकनीकी समस्या के कारण कार्य प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की प्राथमिकता यही है कि हर अधिकारी और मैपिंग कर्मी डिजिटल टूल्स के प्रयोग में दक्ष हो और डेटा अपडेटिंग प्रक्रिया त्रुटिरहित रूप से सम्पन्न करे।

लोकतांत्रिक सशक्तिकरण में मतदाता सूची की भूमिका

बैठक के समापन पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता उसके मतदाताओं की सहभागिता पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि सटीक मतदाता सूची केवल चुनाव कराने का औपचारिक दस्तावेज नहीं, बल्कि नागरिक सशक्तिकरण का आधार है। हर पात्र व्यक्ति को मत देने का अवसर सुनिश्चित करना प्रशासन का नैतिक दायित्व भी है।उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे भी मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में सक्रिय सहयोग दें। यदि किसी का नाम सूची में दर्ज नहीं है या किसी प्रकार की त्रुटि है, तो उसे तत्काल संबंधित बूथ लेवल अधिकारी (BLO) को सूचित करें या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुधार आवेदन दर्ज करें।

सक्रिय सहभागिता और पारदर्शी प्रक्रिया की दिशा में देहरादून का कदम

देहरादून प्रशासन की यह पहल राज्य में निर्वाचन सुधारों की दिशा में एक उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत सटीक व अद्यतन मतदाता सूची तैयार कर जिला निर्वाचन कार्यालय न केवल निर्वाचन प्रक्रिया को सुचारू बना रहा है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही की नई परंपरा भी स्थापित कर रहा है।इस दिशा में जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में चल रही निरंतर निगरानी और इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय की रणनीति से यह उम्मीद की जा रही है कि देहरादून जिला 31 दिसंबर तक अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर राज्य के अन्य जिलों के लिए भी एक मॉडल स्थापित करेगा।

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