
देहरादून, 16 अक्टूबर 2025 (सूवि): जिला प्रशासन देहरादून की सक्रिय पहल से एक व्यथित विधवा को बड़ा राहत भरा न्याय मिला है। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा बकाया ऋण के कारण जब शोभा रावत का घर नीलामी की कगार पर था, तभी जिलाधिकारी सविन बंसल के हस्तक्षेप और सदर मजिस्ट्रेट कुमकुम जोशी के समन्वय से मामला सुलझ गया। अब बैंक ने न केवल शोभा रावत का 5 लाख रुपये का बकाया ऋण केवल 10 हजार में सेटल किया, बल्कि उनके घर के कागजात भी वापस सौंप दिए हैं।
दिवंगत पति का ऋण, दिव्यांग बेटा और टूटी हुई उम्मीदें
देहरादून की निवासी शोभा रावत का जीवन पिछले वर्ष तब बदल गया जब उनके पति का आकस्मिक निधन हो गया। पति की मृत्यु के बाद, शोभा के सिर पर 17 लाख रुपये के ऋण का बोझ आ गया। बैंक ने बीमा क्लेम के रूप में ₹13,20,662 राशि लोन से समायोजित कर दी, लेकिन शेष ₹5 लाख रुपये की मांग जारी रही। पति के निधन, आर्थिक तंगी और 100 प्रतिशत दिव्यांग बेटे की जिम्मेदारी के बीच शोभा ने जिलाधिकारी कार्यालय का रुख किया और अपनी व्यथा सुनाई।
डीएम ने तुरंत लिया संज्ञान, एसडीएम कुमकुम जोशी को सौंपी जिम्मेदारी
डीएम सविन बंसल ने मामले की गंभीरता समझते हुए तत्काल एसडीएम न्याय (सदर) कुमकुम जोशी को बैंक से समन्वय स्थापित कर समाधान के निर्देश दिए।
कुमकुम जोशी ने लगातार आईसीआईसीआई बैंक के साथ वार्ता करते हुए मामले का फॉलोअप किया।
प्रशासनिक और मानवीय दृष्टि से किए गए इस निरंतर प्रयास का परिणाम यह रहा कि बैंक ने आखिरकार मानवीय संवेदना दिखाते हुए ऋण को न्यूनतम राशि में निपटाने का निर्णय लिया और नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी किया।
घर बचा, कागजात लौटे — प्रशासन के प्रति आभार
शोभा रावत ने गुरुवार को अपने दोनों बच्चों के साथ कलेक्टरेट कार्यालय पहुँचकर जिलाधिकारी और प्रशासनिक टीम का आभार व्यक्त किया।
उनकी आँखों में खुशी और राहत साफ झलक रही थी।
डीएम सविन बंसल ने परिवार से भेंट के दौरान कहा —
“प्रशासन का उद्देश्य यही है कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति असहाय महसूस न करे। सरकार हर उस परिवार के साथ खड़ी है, जो संकट में है।”
राइफल क्लब से मिलेगी आर्थिक सहायता
डीएम ने शोभा रावत के परिवार को रोजगार और आर्थिक स्वावलंबन के लिए भी मदद का भरोसा दिया।
उन्होंने निर्देश दिए कि राइफल क्लब से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि परिवार अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
प्रशासन की पहल से बढ़ा जनता का विश्वास
जिला प्रशासन देहरादून की यह पहल एक मिसाल बन गई है। डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में प्रशासन द्वारा शिक्षा, रोजगार, ऋणमाफी, संपत्ति वापसी और सामाजिक सहायता से जुड़ी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। जनमानस में प्रशासन के प्रति विश्वास और उम्मीद दोनों बढ़े हैं। पिछले कुछ महीनों में प्रशासनिक हस्तक्षेप से
- असहाय परिवारों को ऋणमाफी मिली,
- जरूरतमंदों को रोजगार और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई,
- और कई परिवारों की संपत्ति विवाद सुलझाए गए हैं।
एसडीएम न्याय का सतत प्रयास
इस पूरे प्रकरण में एसडीएम न्याय कुमकुम जोशी की सतत निगरानी और मानवीय संवेदना की भूमिका महत्वपूर्ण रही। उन्होंने बैंक अधिकारियों से लेकर बीमा एजेंसी तक सभी से संवाद बनाए रखा और हर चरण पर जिला प्रशासन को अद्यतन जानकारी दी।
जिला प्रशासन की संवेदनशील कार्यशैली ने एक असहाय परिवार के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगाई है।
शोभा रावत जैसे परिवारों के लिए यह उदाहरण बताता है कि शासन की संवेदनशीलता जब जमीनी स्तर पर पहुँचती है, तो प्रशासन जनकल्याण का वास्तविक चेहरा बन जाता है।