
देहरादून, 02 दिसंबर 2025: जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार और विद्यार्थियों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए जिले में व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे ड्रग टेस्टिंग अभियान के तहत आज दूसरे दिन भी ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में 150 छात्र-छात्राओं की रैंडम सैम्पलिंग की गई। जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए इस विशेष अभियान के तहत अब तक तीन प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की सैंपलिंग की जा चुकी है।
जिलाधिकारी ने सभी शिक्षण संस्थानों में रोस्टरवार ड्रग टेस्टिंग अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि किसी स्कूल या कॉलेज में ड्रग टेस्टिंग के दौरान कोई भी छात्र/छात्रा पॉजिटिव पाया जाता है तो संबंधित डीन, प्रबंधक या संस्थान स्वामी पर भी विधिक कार्रवाई की जाएगी, तथा उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
“ड्रग टेस्टिंग से न घबराएँ, उद्देश्य केवल बचाव है”—जिलाधिकारी सविन बंसल
डीएम सविन बंसल ने छात्र-छात्राओं और अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि इस ड्राइव का उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं, बल्कि बच्चों और किशोरों को नशे की भयावहता तथा उसके दुष्प्रभावों से बचाना है। उन्होंने कहा—
“यह ड्राइव मुख्यमंत्री जी के ‘नशामुक्त उत्तराखंड’ विज़न को साकार करने की दिशा में जिला प्रशासन का बड़ा और निर्णायक कदम है। समाज को सुरक्षित, स्वस्थ और नशामुक्त बनाने में अभिभावकों और शिक्षण संस्थानों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।”
सभी शिक्षण संस्थानों में एंटी-ड्रग्स कमेटी सक्रिय की जाएगी
डीएम ने निर्देश दिए हैं कि जिले के सभी सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थानों में एंटी-ड्रग्स कमेटियों को सक्रिय किया जाए। इन कमेटियों में एक छात्र और एक छात्रा को प्रतिनिधि के रूप में शामिल कर जागरूकता को बढ़ाया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, नशीले पदार्थों से संबंधित अवैध गतिविधियों की जानकारी देने के लिए—
- मानस हेल्पलाइन नंबर: 1933
- NCV मानस पोर्टल
- डिस्ट्रिक्ट डी-एडिक्शन सेंटर हेल्पलाइन: 9625777399
—के पोस्टर सभी शिक्षण संस्थानों, सार्वजनिक स्थलों और कार्यालयों में अनिवार्य रूप से चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं। प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जिला प्रशासन की ओर से नशे के खिलाफ ठोस कदम
जिला प्रशासन नशामुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए निम्न कदम उठा चुका है—
- रायवाला स्थित 30 बेड वाले नशामुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन
- एम्स ऋषिकेश के साथ एमओयू—जिसके तहत 10 बेड इंटेंसिव थेरेपी के लिए आरक्षित
- जिला एंटी-ड्रग्स हेल्पलाइन: 9625777399 का संचालन
- स्कूल-कॉलेजों में सघन जागरूकता कार्यक्रम
- उच्च शिक्षण संस्थानों में चरणबद्ध रैंडम ड्रग टेस्टिंग
जिलाधिकारी ने कहा कि नशे के खतरे से लड़ने के लिए सरकारी एजेंसियों, अभिभावकों और शिक्षण संस्थानों के बीच सामूहिक प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं। जिला प्रशासन इस दिशा में पूरी गंभीरता के साथ कार्य कर रहा है।



