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यमुनोत्री हाइवे पर बढ़ा खतरा: स्यानाचट्टी में बाढ़ जैसी स्थिति, प्रशासन अलर्ट

भारी बारिश और बढ़ते जलस्तर से होटलों और आवासीय क्षेत्रों में घुसा पानी, स्थानीय विधायक ने उठाए सवाल

उत्तराखंड/स्यानाचट्टी:यमुनोत्री हाइवे पर बीते शनिवार रात हुई भारी बारिश के बाद जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्यानाचट्टी और आसपास के इलाकों में गंभीर खतरे का अलर्ट जारी किया गया है। यमुना नदी का पानी पुल के ऊपर से बहने लगा है और कई पेड़ एवं मलबा हाईवे पर फंस गया है, जिससे स्यानाचट्टी में होटलों और आवासीय क्षेत्रों में पानी घुस गया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि झील जैसी स्थिति के कारण पानी होटलों की दूसरी मंजिल तक पहुँच गया, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। यह तीसरी बार है जब स्यानाचट्टी में ऐसी स्थिति बन रही है और खतरा लगातार बढ़ रहा है।


नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है

हल्की सिंचाई विभाग की तीन मशीनें कुपड़ाखड्ड के मलबे को हटाकर जलस्तर को सामान्य करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन लगातार बारिश ने राहत को चुनौती बना दिया है। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) विभाग की मशीनें भी पुल पर फंसे पेड़ों और मलबे को हटाकर पानी का बहाव सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यमुना नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि और पुल के ऊपर पेड़ व मलबे का अटकना, स्थानीय प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती है। अगर जलस्तर को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया, तो होटलों और आवासीय इलाकों में भारी नुकसान की आशंका है।


पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने उठाए सवाल

इस समस्या को लेकर पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है और अगर झील के निर्माण के दौरान सही तकनीकी उपाय किए गए होते, तो यह स्थिति पैदा नहीं होती।

रावत ने जोर देकर कहा कि

“स्यानाचट्टी के दोनों ओर बहने वाले खड्डों पर सुरक्षात्मक कार्य किए जाएं और वरुणावत की तर्ज पर पहाड़ियों पर ट्रीटमेंट एवं उपचार किया जाए।”

उनका मानना है कि नदी के जलस्तर को नियंत्रित करने और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी और दीर्घकालिक उपाय जरूरी हैं।


स्थानीय प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य

स्यानाचट्टी और यमुनोत्री हाइवे के लिए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। राहत और बचाव कार्य में सिंचाई विभाग, एनएच विभाग और स्थानीय प्रशासन एक साथ जुटे हुए हैं।

कुछ प्रमुख कदम:

  • पुल पर फंसे पेड़ों और मलबे को हटाना।
  • जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए मशीनी उपाय।
  • खतरे वाले इलाकों में लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करना।
  • स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सतर्क करने के लिए लगातार SMS और रेडियो अलर्ट

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश जारी रहती है, तो यमुनोत्री हाइवे पर जलभराव और सड़क बाधित होने की संभावना बनी रहेगी।


पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए सलाह

  • नदी और खड्डों के पास न जाएँ।
  • प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
  • अत्यावश्यक स्थिति में स्थानीय प्रशासन और हेल्पलाइन से तुरंत संपर्क करें।
  • अगर संभव हो तो हाइवे के ऊपरी हिस्सों और सुरक्षित स्थानों में ही रहें।

स्थानीय होटल और रिसॉर्ट्स ने भी अपने मेहमानों को दूसरी मंजिलों और सुरक्षित क्षेत्रों में रहने की सलाह दी है।


यमुनोत्री हाइवे पर यह खतरा लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन और सिंचाई विभाग की मशीनी कार्रवाई के बावजूद जलस्तर में वृद्धि और पुल पर फंसे पेड़ों की वजह से खतरा बना हुआ है। पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक उपाय की मांग की है।

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