
देहरादून/उत्तरकाशी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए सोमवार को 72.62 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं को वित्तीय स्वीकृति प्रदान की। इनमें न्यायिक ढांचे को मजबूत करने से लेकर सिंचाई विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं और शिक्षा संस्थानों को सहयोग देने तक की योजनाएं शामिल हैं।
इस फैसले से न केवल ग्रामीण और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी, बल्कि राज्य में न्यायिक और शैक्षणिक ढांचे को भी मजबूती मिलेगी।
नौगांव में न्यायिक विभाग को मिलेगा नया इंफ्रास्ट्रक्चर
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरकाशी जिले के विकासखंड नौगांव के ग्राम तुनाल्का में न्यायिक विभाग के टाइप-2 के 6 आवास और पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए 2.49 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है।
यह कदम न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने और न्यायिक कार्यों को सुचारू बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। न्याय व्यवस्था की मजबूती राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रही है, और इस निर्णय से दूरस्थ क्षेत्रों में भी न्यायिक सेवाओं तक सुगम पहुंच संभव हो सकेगी।
सिंचाई योजनाओं के लिए 69.13 करोड़ की मंजूरी
सीएम धामी ने नाबार्ड वित्त पोषण के अंतर्गत राज्य के विभिन्न जिलों में सिंचाई विभाग की 25 योजनाओं के लिए 69.13 करोड़ रुपये की बड़ी स्वीकृति प्रदान की है।
- इन योजनाओं के पूरा होने से किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
- खेती की उत्पादकता बढ़ेगी और फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रबंधन और कृषि आधारित रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि नाबार्ड समर्थित ये योजनाएं उत्तराखंड की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए “गेम चेंजर” साबित हो सकती हैं।
दून पुस्तकालय और शोध केंद्र को 1 करोड़ का अनुदान
मुख्यमंत्री धामी ने शिक्षा और शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र को 1 करोड़ रुपये का अनुदान राज्य आकस्मिकता निधि से स्वीकृत किया।
- इस अनुदान से पुस्तकालय की सेवाओं का आधुनिकीकरण होगा।
- शोध कार्यों और विद्यार्थियों को नई सुविधाएं मिलेंगी।
- शिक्षा जगत में उत्तराखंड की पहचान और मजबूत होगी।
यह निर्णय धामी सरकार की “ज्ञान आधारित समाज” बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री धामी की दृष्टि – संतुलित विकास
सीएम धामी ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य राज्य के हर क्षेत्र में संतुलित विकास सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा –
“हमारी सरकार विकास योजनाओं को धरातल पर उतारकर जनता को सीधा लाभ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। न्यायिक ढांचे से लेकर कृषि और शिक्षा तक, हर क्षेत्र में सुधार लाना हमारी प्राथमिकता है।”
जनता पर होगा सीधा असर
- किसानों को राहत – नई सिंचाई योजनाओं से जल संकट कम होगा और फसल उत्पादन बढ़ेगा।
- न्यायिक सेवाओं को मजबूती – ग्रामीण व दूरस्थ इलाकों में भी न्यायिक प्रक्रियाएं सुचारू होंगी।
- शोध और शिक्षा को प्रोत्साहन – दून पुस्तकालय को अनुदान से छात्रों और शोधकर्ताओं को नई सुविधाएं मिलेंगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि धामी सरकार के ये कदम जमीनी स्तर पर बदलाव ला सकते हैं।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री धामी लगातार ऐसी घोषणाएं कर रहे हैं, जिनका सीधा असर ग्रामीण जनता और मध्यम वर्ग पर पड़ रहा है।
- सिंचाई योजनाएं किसानों को राहत देंगी।
- न्यायिक और शैक्षिक ढांचे पर ध्यान देना सरकार की “दीर्घकालिक दृष्टि” को दर्शाता है।
- इससे 2027 विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में सरकार की विकासवादी छवि और मजबूत होगी।
भविष्य की दिशा: विकास की नई रफ्तार
उत्तराखंड सरकार ने संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर और भी योजनाएं लाई जाएंगी।
- पर्वतीय जिलों में सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता मिलेगी।
- किसानों के लिए आधुनिक तकनीक आधारित योजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
- शिक्षा और शोध केंद्रों के लिए डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्वीकृत 72.62 करोड़ रुपये की विकास योजनाएं उत्तराखंड के लिए बहुआयामी लाभकारी साबित होंगी। न्यायिक विभाग, सिंचाई परियोजनाएं और शिक्षा संस्थान – इन तीनों ही क्षेत्रों पर ध्यान देना इस बात का सबूत है कि सरकार “संतुलित और सर्वांगीण विकास” की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।
अब जनता की निगाहें इन योजनाओं के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन पर टिकी हैं।