
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने हवाई संपर्क को मज़बूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को पिथौरागढ़-मुनस्यारी-पिथौरागढ़ और हल्द्वानी-अल्मोड़ा-हल्द्वानी हेली सेवाओं का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह सुविधा क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान योजना) के अंतर्गत शुरू की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सेवाओं से राज्य के दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों तक आवागमन आसान होगा और आम नागरिकों को तेज़, सुरक्षित व सुविधाजनक परिवहन का लाभ मिलेगा।
दुर्गम इलाकों के लिए जीवन रेखा बनेगी सेवा
पिथौरागढ़ और मुनस्यारी जैसे सीमांत क्षेत्रों तक सड़क मार्ग से पहुँचना अक्सर मुश्किल होता है। बरसात या बर्फबारी के मौसम में रास्ते बंद हो जाते हैं, जिससे स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों परेशान रहते हैं। नई हेली सेवा से अब यात्रा न केवल आसान होगी बल्कि समय की भी बड़ी बचत होगी। हल्द्वानी से अल्मोड़ा तक पहुँचने का समय, जो सड़क मार्ग से 3–4 घंटे लगता है, अब केवल कुछ मिनटों में पूरा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सेवाओं के शुरू होने से स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ पर्यटकों को भी बड़ी राहत मिलेगी। “उत्तराखंड के पहाड़ी नगर सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि पर्यटन और प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी विश्व प्रसिद्ध हैं। हवाई कनेक्टिविटी बेहतर होने से पर्यटन को नई गति मिलेगी,” उन्होंने कहा।
अल्मोड़ा और मुनस्यारी – संस्कृति और पर्यटन के केंद्र
अल्मोड़ा उत्तराखंड का ऐतिहासिक नगर है, जो अपनी प्राचीन मंदिरों, हस्तशिल्प और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। वहीं मुनस्यारी, जिसे “लिटिल कश्मीर” भी कहा जाता है, नंदा देवी और पंचाचूली चोटियों के शानदार दृश्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। यहाँ ट्रैकिंग, एडवेंचर टूरिज्म और इको-टूरिज्म की अपार संभावनाएँ हैं।
हेली सेवा शुरू होने से इन दोनों गंतव्यों तक पर्यटकों की आसान पहुँच बनेगी, जिससे स्थानीय होटल उद्योग, हस्तशिल्प और छोटे व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा।
उड़ान योजना का असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई उड़ान योजना (UDAN) का उद्देश्य देश के छोटे शहरों और दूरस्थ क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोड़ना है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस योजना ने उत्तराखंड में हवाई संपर्क को मज़बूत करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।
राज्य में अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएँ शुरू हो चुकी हैं, जबकि कुल 18 हेलीपोर्ट्स विकसित किए जा रहे हैं। गौचर, जोशियाड़ा, हल्द्वानी, मसूरी, पंतनगर, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल और अल्मोड़ा जैसे प्रमुख शहर अब हेली सेवाओं से जुड़े हुए हैं।
किराया और समय-सारणी
नई सेवा सप्ताह के सातों दिन, प्रतिदिन दो बार चलेगी।
- पिथौरागढ़-मुनस्यारी मार्ग:
- पिथौरागढ़ से सुबह 10:30 और दोपहर 1:50 बजे
- मुनस्यारी से सुबह 10:50 और दोपहर 2:10 बजे
- हल्द्वानी-अल्मोड़ा मार्ग:
- हल्द्वानी से सुबह 11:50 और दोपहर 3:10 बजे
- अल्मोड़ा से दोपहर 12:50 और शाम 4:10 बजे
किराया केवल ₹2500 प्रति यात्री रखा गया है। टिकट airheritage.in पर ऑनलाइन बुक किए जा सकते हैं।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को संबल
विशेषज्ञों का मानना है कि इस सेवा से स्थानीय कारोबार को बड़ा लाभ होगा। पर्यटन बढ़ने से होटल, होम-स्टे, परिवहन और हस्तशिल्प उद्योग में रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। खासकर अल्मोड़ा की कढ़ाई, मुनस्यारी की ऊनी वस्तुएँ और स्थानीय उत्पाद अब अधिक खरीदारों तक पहुँच पाएंगे।
स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं में मदद
इन हेली सेवाओं का फायदा सिर्फ पर्यटन तक सीमित नहीं रहेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में अचानक स्वास्थ्य आपातकाल या प्राकृतिक आपदाओं के समय त्वरित हवाई सेवा जीवन रक्षक सिद्ध हो सकती है। स्थानीय लोगों को बड़े अस्पतालों तक ले जाना या आवश्यक दवाओं की आपूर्ति करना अब आसान होगा।
अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क की तैयारी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ आंतरिक हवाई संपर्क पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी काम कर रही है। जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने की दिशा में प्रयास जारी हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड सीधे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर और अधिक मज़बूती से दर्ज हो।
आगे की योजना
धामी सरकार का विज़न है कि आने वाले समय में राज्य के सभी महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ा जाए। बद्रीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री जैसे धाम पहले ही हेलीकॉप्टर सेवाओं से जुड़े हुए हैं। अब ध्यान है कि सीमांत जिलों और सांस्कृतिक धरोहर वाले क्षेत्रों तक नियमित हेली सेवा पहुँचे।
उत्तराखंड सरकार की यह पहल सिर्फ एक परिवहन सुविधा नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक बदलाव की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। पहाड़ों में बसे नागरिकों की रोज़मर्रा की मुश्किलें कम होंगी, पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान मिलेगी।
पिथौरागढ़-मुनस्यारी और हल्द्वानी-अल्मोड़ा हेली सेवाएँ पहाड़ों के लिए सचमुच “आसमान से आई राहत” साबित हो सकती हैं।