
किश्तवाड़, जम्मू-कश्मीर | जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। घटना में अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 40 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। मूसलाधार बारिश के बीच राहत-बचाव टीमें मलबे में दबे लोगों को खोजने में जुटी हैं। प्रशासन ने पूरे इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
घटना की शुरुआत
जानकारी के मुताबिक, बादल फटने की यह घटना दोपहर करीब 12:30 बजे किश्तवाड़ के होंजर गांव और आसपास के इलाकों में हुई। अचानक आई तेज़ बारिश और पहाड़ी से गिरे मलबे ने कई घरों, दुकानों और खेतों को अपनी चपेट में ले लिया। तेज़ बहाव में कई लोग बह गए, जबकि कुछ मलबे के नीचे दब गए।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश इतनी तेज़ थी कि कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका पानी और मलबे से भर गया। बचाव कार्य के लिए स्थानीय लोग, SDRF, NDRF और सेना की टीमें मौके पर पहुंची हैं।
लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन
जिला प्रशासन के मुताबिक, 40 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। SDRF और NDRF के साथ सेना की टीमें ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद से तलाश कर रही हैं। तेज़ बारिश के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन टीमों ने ऑपरेशन को चौबीसों घंटे जारी रखने का फैसला किया है।
किश्तवाड़ के जिला उपायुक्त ने बताया—
“हमारी प्राथमिकता लापता लोगों को जल्द से जल्द ढूंढना और घायलों को अस्पताल पहुंचाना है। मौसम की स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं।”
इलाके में हालात गंभीर
बादल फटने से कई घर पूरी तरह बह गए हैं और खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं। बिजली और संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई सड़कों पर मलबा जमा होने से बचाव सामग्री पहुंचाने में भी मुश्किलें हो रही हैं।
स्थानीय लोग अस्थायी शिविरों में शरण ले रहे हैं, जहां उन्हें खाना और चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
पिछले साल भी हुआ था हादसा
गौरतलब है कि किश्तवाड़ में पिछले साल भी इसी तरह बादल फटने की घटना में कई लोगों की जान गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में लगातार बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन की वजह से ऐसे हादसों की आवृत्ति बढ़ रही है।
किश्तवाड़ में बादल फटने की यह घटना एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में आपदा प्रबंधन की गंभीर चुनौतियों को उजागर करती है। प्रशासन और बचाव एजेंसियों की कोशिश है कि लापता लोगों को जल्द से जल्द खोज निकाला जाए, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम भूभाग इस प्रयास को कठिन बना रहा है। फिलहाल पूरे इलाके में सतर्कता बरती जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।



