
बीजिंग। अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संभावित चीन यात्रा की खबर से बीजिंग उत्साहित है। चीनी विदेश मंत्रालय ने इसे भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत बताया है। मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने शुक्रवार को कहा कि चीन इस महीने के अंत में तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी का स्वागत करता है।
सात साल बाद संभावित चीन दौरा
सूत्रों के अनुसार, यदि प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा पर जाते हैं तो सात वर्ष के अंतराल के बाद यह उनका पहला चीन दौरा होगा। हालांकि, भारत और चीन दोनों की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है।
एकजुटता और सहयोग पर जोर
गुओ जियाकुन ने कहा, “हमारा मानना है कि सभी पक्षों के सम्मिलित प्रयास से तियानजिन शिखर सम्मेलन एकजुटता, मित्रता और सार्थक परिणामों का प्रतीक बनेगा।”
अब तक का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन
चीनी प्रवक्ता के अनुसार, इस शिखर सम्मेलन में एससीओ के सभी सदस्य देशों के प्रमुखों के साथ-साथ 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि और कुल 20 से अधिक देशों के नेता भाग लेंगे। इसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भी उपस्थिति संभव है। गुओ ने इसे एससीओ की स्थापना के बाद का अब तक का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन करार दिया।