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Uttarakhand: विजय दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं, कहा— भारतीय सेना का शौर्य और बलिदान देश का गौरव

देहरादून: विजय दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सशस्त्र बलों, भूतपूर्व सैनिकों और प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य, पराक्रम और सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हुए कहा कि 16 दिसंबर भारतीय सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जिसे देश कभी नहीं भूल सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन भारतीय सशस्त्र सेनाओं के साहस, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक है। 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने जिस बहादुरी और रणनीतिक कौशल का परिचय दिया, उसने न केवल दुश्मन को परास्त किया, बल्कि विश्व मंच पर भारत की सैन्य शक्ति का लोहा भी मनवाया।


16 दिसंबर: भारतीय सैन्य इतिहास का गौरवशाली दिन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 16 दिसंबर वह ऐतिहासिक दिन है जब भारतीय सैनिकों के अद्वितीय पराक्रम के सामने पाकिस्तानी सेना के हजारों सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा था। यह केवल एक सैन्य विजय नहीं थी, बल्कि यह भारत की रणनीतिक क्षमता, नेतृत्व और सैनिकों के मनोबल का प्रतीक भी थी।

उन्होंने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि देश की आज़ादी, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए हमारे सैनिक किस प्रकार अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटते।


वीर सैनिकों के साहस पर देश को गर्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के वीर सैनिक हर परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। चाहे सीमाओं पर तैनाती हो, आतंकवाद से मुकाबला हो या आपदा के समय नागरिकों की सहायता—भारतीय सशस्त्र बल हर मोर्चे पर देश का गौरव बढ़ाते हैं।

उन्होंने कहा,

“देश की रक्षा के लिए हमारे वीर सैनिक हमेशा तत्परता के साथ अपना योगदान देते हैं। उनके साहस और समर्पण पर पूरे देश को गर्व है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा में लगे सैनिकों का त्याग केवल वर्दी तक सीमित नहीं होता, बल्कि उनके परिवार भी इस बलिदान में बराबर के सहभागी होते हैं।


उत्तराखंड: देवभूमि के साथ वीरभूमि भी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में उत्तराखंड की विशेष पहचान को रेखांकित करते हुए कहा कि यह राज्य केवल देवभूमि ही नहीं, बल्कि वीरभूमि भी है। उत्तराखंड के हर गांव से देशभक्ति और राष्ट्र सेवा की भावना जुड़ी रही है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं और आज भी बड़ी संख्या में यहां के युवा सेना, अर्धसैनिक बलों और सुरक्षा एजेंसियों में देश सेवा कर रहे हैं।


वीरों के बलिदान को सदैव रखा जाएगा याद

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए जिन वीर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनका त्याग आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

उन्होंने कहा कि सरकार और समाज का दायित्व है कि हम न केवल विजय दिवस जैसे अवसरों पर, बल्कि हर दिन अपने सैनिकों के योगदान को सम्मान दें और उनके परिवारों के प्रति संवेदनशील रहें।


राष्ट्रभक्ति और एकता का संदेश

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विजय दिवस हमें राष्ट्रभक्ति, एकता और अखंडता का संदेश देता है। यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि जब देश एकजुट होता है, तब कोई भी शक्ति भारत को कमजोर नहीं कर सकती।

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे भारतीय सेना के शौर्य से प्रेरणा लें और राष्ट्र निर्माण में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं।


सरकार की प्रतिबद्धता: सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए सम्मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार द्वारा—

  • पूर्व सैनिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं
  • शहीदों के परिजनों को सहायता
  • सैनिक परिवारों के लिए सम्मानजनक सुविधाएं

जैसे कई कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सैनिकों का सम्मान केवल शब्दों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि नीतियों और कार्यों में भी दिखना चाहिए।


देशभर में विजय दिवस की गूंज

विजय दिवस के अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों, श्रद्धांजलि समारोहों और सैन्य आयोजनों के माध्यम से वीर सैनिकों को नमन किया जा रहा है। स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों द्वारा भी इस दिन देशभक्ति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन नई पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम और सैनिकों के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत करते हैं।


भारतीय सेना: साहस और अनुशासन की मिसाल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय सेना केवल सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि अनुशासन, सेवा और मानवता की मिसाल है। चाहे अंतरराष्ट्रीय शांति मिशन हों या आपदा राहत कार्य—भारतीय सैनिक हर जगह अपनी पहचान बनाते हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का साहस पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है और विजय दिवस इसी गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है।


निष्कर्ष

विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संदेश केवल शुभकामनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के वीर सैनिकों के प्रति सम्मान, कृतज्ञता और गर्व की भावना को दर्शाता है। 16 दिसंबर भारतीय सैन्य इतिहास का वह दिन है, जो हमें साहस, बलिदान और राष्ट्रभक्ति की याद दिलाता है।

उत्तराखंड सहित पूरा देश अपने सैनिकों की वीरता पर गर्व करता है और उनके अदम्य साहस को नमन करता है। विजय दिवस हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहेंगे।

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