
उधमसिंहनगर/देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को ज़मीन पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार प्रयासरत हैं। गुरुवार को इसका एक जीवंत उदाहरण उस समय देखने को मिला, जब उनका काफिला पीलीभीत रोड से लौट रहा था।
मुख्यमंत्री अचानक एक ठेली पर रुके, जहाँ स्थानीय भुट्टा विक्रेता महातम सड़क किनारे भुट्टा भून रहे थे। न केवल उन्होंने खुद भुट्टा भूना, बल्कि वहाँ पहले से इंतज़ार कर रही एक वृद्ध महिला को अपने हाथों से भुट्टा सौंपा और उनका हालचाल भी जाना।
स्थानीयता को सम्मान, श्रम को प्रणाम
मुख्यमंत्री ने कहा —
“स्थानीय श्रमिकों और छोटे व्यापारियों की मेहनत ही हमारे राज्य की असली ताकत हैं। हर नागरिक के श्रम का सम्मान करना हम सभी का दायित्व है।”
उन्होंने युवाओं से भी अपील की कि वे स्वावलंबन, स्थानीय उत्पादों को अपनाने और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में आगे आएं।
‘वोकल फॉर लोकल’ के लिए संदेश ज़मीन से
यह छोटा सा दृश्य, मुख्यमंत्री के जनसंपर्क और ज़मीन से जुड़े नेतृत्व का प्रमाण है। इस साधारण ठेली पर ठहरकर उन्होंने न केवल स्थानीय उत्पादों के समर्थन का सार्वजनिक संदेश दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि शासन केवल आदेश देने से नहीं, आम जन के साथ खड़े रहने से भी चलता है।
मुख्यमंत्री धामी लगातार स्थानीय उत्पादों को बाज़ार से जोड़ने, ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने और हस्तशिल्प, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों के निर्माण की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
नेतृत्व का मानवीय चेहरा
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कई लोग इसे “सरलता में प्रभावशीलता की मिसाल” बता रहे हैं।
जनसामान्य के बीच इस तरह का सीधा संवाद, खासकर ग्रामीण और श्रमिक वर्ग के साथ, यह दर्शाता है कि एक सशक्त समाज वही होता है जहाँ नेतृत्व और जनता के बीच आपसी सम्मान, जुड़ाव और संवाद की स्पष्टता हो।