
देहरादून, 12 अक्टूबर 2025 (रविवार):मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को जीएमएस रोड स्थित अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा आयोजित भव्य दीपावली मेले में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने वैश्य समाज की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि “वैश्य समाज न केवल सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक है, बल्कि राष्ट्र की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक शक्ति का भी प्रतीक है।”
मुख्यमंत्री ने उपस्थित नागरिकों और व्यापारियों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली का पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर और बुराई से अच्छाई की ओर अग्रसर होने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “यह पर्व हम सभी के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और समाज को एकजुटता, सद्भाव और सृजन की दिशा में प्रेरित करता है।”
“वैश्य समाज ने सदा समाज और राष्ट्र को दिशा दी”
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्य समाज सदियों से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। इस समाज ने व्यापार और उद्योग के माध्यम से न केवल आर्थिक सशक्तिकरण किया, बल्कि धर्म, सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में भी अमिट योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि “वैश्य समाज ने हमेशा सहयोग, सौहार्द और विकास का प्रकाश फैलाया है। यह समाज हमारी सनातन परंपरा का रक्षक और सामाजिक एकता का संवाहक रहा है।”
धामी ने अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा आयोजित दीपावली मेले की सराहना करते हुए कहा कि “यह आयोजन व्यापार को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ स्वदेशी उत्पादों, लोक संस्कृति और सामाजिक एकता के संरक्षण का भी माध्यम बन रहा है।”
“लोकल फॉर वोकल” और “मेक इन इंडिया” आत्मनिर्भर भारत की नींव: मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि देश आज आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा —
“प्रधानमंत्री जी के ‘लोकल फॉर वोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘मेड इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियानों ने देश के युवाओं, कारीगरों और उद्यमियों में नया आत्मविश्वास जगाया है। यही आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने प्रधानमंत्री के विज़न को धरातल पर उतारते हुए अनेक योजनाएँ शुरू की हैं, जिससे राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित हो रहा है।
“समान नागरिक संहिता” और “नकल विरोधी कानून” जैसे कदमों से राज्य में आई पारदर्शिता
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने “समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code)” लागू की।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य की सामाजिक एकता और समान नागरिक अधिकारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार “देवभूमि की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को संरक्षित रखने” के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने बताया कि राज्य में “लैंड जिहाद” और अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अब तक 9,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि मुक्त कराई गई है, जबकि 550 से अधिक अवैध मजारें और दो अवैध मस्जिदें हटाई गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा,
“हमने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत सनातन संस्कृति को बदनाम करने वाले पाखंडियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की है। हमारी सरकार धर्म, संस्कृति और सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है।”
“स्वदेशी अपनाओ, देश को मजबूत बनाओ” का दिया संदेश
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उपस्थित जनसमूह से अपील की कि वे अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देना न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि इससे हमारे कारीगरों, किसानों और छोटे उद्यमियों को भी बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा,
“यदि हम ‘स्वदेशी अपनाओ, देश को मजबूत बनाओ’ के मंत्र को आत्मसात करेंगे, तो यह आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त करेगा। प्रधानमंत्री मोदी जी का यह आह्वान केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आत्मसम्मान का प्रतीक है।”
“उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने का विकल्प-रहित संकल्प”
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए “विकल्प-रहित संकल्प” के साथ कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि “राज्य के युवाओं, व्यापारियों और समाज के हर वर्ग के सहयोग से उत्तराखंड को समृद्ध, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि वैश्य समाज के सहयोग से राज्य में उद्यम, रोजगार और स्वावलंबन की नई दिशा स्थापित होगी। उन्होंने कहा,
“वैश्य समाज की निष्ठा, ईमानदारी और उद्यमशीलता राज्य की प्रगति की सच्ची प्रेरणा है। यह समाज सदैव सरकार के साथ मिलकर विकास के पथ पर अग्रसर रहेगा।”
कार्यक्रम में रही भारी भागीदारी
अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के इस दीपावली मेले में बड़ी संख्या में व्यापारी, उद्योगपति, सामाजिक संगठन, और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, पूर्व मंत्री खजान दास, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल, सहित अनेक जनप्रतिनिधि और समाजसेवी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री के आगमन पर समाज के प्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया और उत्तराखंड सरकार द्वारा स्वदेशी, उद्यमिता और पारदर्शी शासन के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की।
अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन का यह दीपावली मेला केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण, आर्थिक सशक्तिकरण और स्वदेशी चेतना का प्रतीक बन गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संबोधन ने यह स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड सरकार न केवल आर्थिक विकास बल्कि धार्मिक-सांस्कृतिक संरक्षण और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य पर भी दृढ़ता से अग्रसर है।