मिशन चंद्रयान-3 में अब तक सब कुछ ठीक चल रहा है। प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद विक्रम लैंडर चांद की कक्षा में अकेला चक्कर लगा रहा है। आज विक्रम लैंडर की डि-ऑर्बिटिंग की जाएगी। इसके बाद 20 अगस्त को भी डि-ऑर्बिटिंग होगी इसका मतलब है कि लैंडर को चंद्रमा की निचली कक्षा में लाकर उसके और करीब लाया जाएगा जहां से 23 अगस्त को चांद पर लैंडिग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर चंद्रमा पर लैंडिग के साथ ही इतिहास बना देगा।
Chandrayaan-3 Mission:
‘Thanks for the ride, mate! 👋’
said the Lander Module (LM).LM is successfully separated from the Propulsion Module (PM)
LM is set to descend to a slightly lower orbit upon a deboosting planned for tomorrow around 1600 Hrs., IST.
Now, 🇮🇳 has3⃣ 🛰️🛰️🛰️… pic.twitter.com/rJKkPSr6Ct
— ISRO (@isro) August 17, 2023
इसरो ने अपने ट्विटर हैंडल से तस्वीर जारी की है जिसमें आगे प्रोपल्शन मॉड्यूल है जबकि पीछे लैंडर विक्रम के अलग होने की प्रक्रिया है। गुरुवार 17 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर विक्रम लैंडर अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया है। अब लैंडर जहां चांद का रुख करेगा। वहीं प्रोपल्शन मॉड्यूल अगले एक साल तक चांद के चक्कर लगाकर धरती पर इसकी जानकारी भेजता रहेगा। अब लैंडर अकेला चांद की 100 किलोमीटर की कक्षा में चक्कर लगाएगा। आज और फिर 20 अगस्त को इसे चांद की सतह के और करीब लाया जाएगा। इसके बाद आएगा 23 अगस्त का वो ऐतिहासिक दिन जब चंद्रयान-3 चांद की सतह को चूम लेगा।