
दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि सिर्फ चार्जशीट दाखिल करने से केजरीवाल को नियमित जमानत नहीं मिल जाती। सीबीआई ने कहा कि हमने मामले में 44 करोड़ रुपये की रकम का पता लगाया है। यह पैसा गोवा गया था। केजरीवाल ने खुद अपने उम्मीदवारों से कहा कि पैसे की चिंता मत करो, चुनाव लड़ो। CBI ने कहा कि पैसा गोवा गया, खर्च का निर्देशन कौन करेगा? हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि सभी उम्मीदवार को 90 लाख रुपये दिए जाने थे।
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि जैसे-जैसे उनकी जांच आगे बढ़ी, उन्हें अरविंद केजरीवाल से जुड़े और सबूत मिले। आज दाखिल चार्जशीट में केजरीवाल समेत छह लोगों के नाम हैं, लेकिन उनमें से पांच को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। सीबीआई ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल समेत इन 6 लोगों के खिलाफ शराब घोटाले के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। इसमें पी. सरथ चंद्र रेड्डी, दुर्गेश पाठक, विनोद चौहान, आशीष माथुर, अमित अरोरा और अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल है।
वकील डीपी सिंह ने कहा कि सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उन्होंने अपनी जांच पूरी कर ली है और एक महीने के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी है। उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले में मुख्य सूत्रधार हैं। वकील ने कहा कि कैबिनेट के मुखिया के तौर पर अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे अपने सहयोगियों को भेजा और एक ही दिन में उनके हस्ताक्षर प्राप्त कर लिए। यह सब कोरोना महामारी के दौरान हुआ। सीबीआई के वकील ने आगे कहा कि मनीष सिसोदिया के अधीन आईएएस अधिकारी सी. अरविंद ने गवाही दी कि विजय नायर कंप्यूटर में दर्ज करने के लिए आबकारी नीति की एक कॉपी लेकर आए थे और उस समय अरविंद केजरीवाल मौजूद थे। सीबीआई के अनुसार, यह इस मामले में केजरीवाल की सीधी संलिप्तता को दर्शाता है।