
देहरादून/हरिद्वार। उत्तराखंड की राजनीति में सोमवार को उस समय हलचल मच गई जब बहादराबाद रानीपुर से भाजपा विधायक आदेश चौहान को सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सजा सुना दी। यह मामला पुलिस कस्टडी में मारपीट से जुड़ा है, जिसमें विधायक सहित कुल पांच लोगों को दोषी ठहराया गया है। दोषियों में तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जिनमें से एक की पहले ही मृत्यु हो चुकी है।
क्या है मामला?
यह मामला हरिद्वार जिले का है, जहाँ आदेश चौहान पर अपनी ही भतीजी के पति मनीष के साथ पुलिस कस्टडी में मारपीट कराने का आरोप था। पीड़ित मनीष ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
जांच में सामने आए अहम तथ्य
सीबीआई द्वारा की गई जांच में विधायक आदेश चौहान, उनकी भतीजी दीपिका और तीन पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की पुष्टि हुई। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि मनीष के साथ पुलिस कस्टडी में मारपीट की गई थी और इसके पीछे निजी रंजिश और पारिवारिक विवाद अहम कारण थे। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर सीबीआई ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।
कोर्ट ने माना दोषी, सजा का ऐलान
सीबीआई कोर्ट ने सभी उपलब्ध साक्ष्यों को सही मानते हुए विधायक आदेश चौहान सहित कुल पांच लोगों को दोषी ठहराया। कोर्ट ने सोमवार, 26 मई को सजा का ऐलान किया। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सजा की अवधि क्या है, लेकिन कोर्ट का यह फैसला उत्तराखंड की सियासत में बड़ा झटका माना जा रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कानून-व्यवस्था और सत्ता का दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, भाजपा की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सीबीआई कोर्ट का यह फैसला एक बार फिर यह साबित करता है कि कानून के सामने कोई व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे सजा मिलती है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि भाजपा इस पर क्या रुख अपनाती है और आदेश चौहान की विधानसभा सदस्यता को लेकर क्या फैसला होता है।