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बिहार चुनाव 2025: लोजपा (रामविलास) ने जारी की पहली उम्मीदवार सूची, 14 नाम शामिल

"बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी चिराग पासवान की पार्टी

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की राजनीतिक सरगर्मी के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने मंगलवार को अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। पार्टी की इस पहली सूची में कुल 14 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं।

लोजपा (रामविलास) की ओर से जारी बयान के अनुसार, इन सीटों में सामान्य और अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित दोनों प्रकार की सीटें शामिल हैं। जिन जिलों से उम्मीदवारों का चयन किया गया है, उनमें चंपारण, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया और मधुबनी जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं।


चिराग पासवान का फोकस: “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट”

उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही पार्टी ने अपने चुनावी नारे “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” को एक बार फिर दोहराया है।

लोजपा (रामविलास) की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जारी पोस्ट में लिखा गया —

“राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री श्री चिराग पासवान के मार्गदर्शन एवं निर्देशानुसार घोषित बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सभी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। हमें पूर्ण विश्वास है कि आप सभी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के सपनों को साकार करने के लिए और बिहार के सर्वांगीण विकास में अपनी अहम भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।”

पोस्ट में आगे कहा गया कि एनडीए गठबंधन की एकजुटता और जनता के विश्वास के बल पर बिहार में “डबल इंजन सरकार की ऐतिहासिक और प्रचंड जीत निश्चित” है।


सामाजिक संतुलन और क्षेत्रीय समीकरण पर लोजपा का फोकस

विश्लेषकों के मुताबिक, लोजपा (रामविलास) की पहली सूची में सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है। पश्चिम चंपारण और सारण से लेकर सीमांचल क्षेत्र तक उम्मीदवारों को मौका देकर पार्टी ने यह संकेत दिया है कि वह राज्य के हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश कर रही है।

सूत्रों के अनुसार, पार्टी की दूसरी सूची में और भी कई प्रमुख चेहरे शामिल किए जा सकते हैं, जिन पर चर्चा जारी है।


जदयू ने भी जारी की थी पहली सूची

इससे पहले एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने भी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।
जदयू की इस सूची में कुल 57 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं।

इस सूची के अनुसार—

  • आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव,
  • बिहारीगंज से निरंजन कुमार मेहता,
  • मधेपुरा से कविता साहा,
  • सिंघेश्वर से रमेश ऋषिदेव,
  • सोनबरसा से रत्नेश सदा,
  • और नालंदा से मंत्री श्रवण कुमार को टिकट दिया गया है।

वहीं, चर्चित सीट मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह को मैदान में उतारा गया है।


एनडीए में सीट बंटवारे पर बन रही है सहमति

सूत्रों के मुताबिक, एनडीए के सहयोगी दलों — भाजपा, जदयू, हम और लोजपा (रामविलास) — के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति लगभग बन चुकी है। हालांकि आधिकारिक घोषणा कुछ ही दिनों में होने की संभावना है।

चिराग पासवान की पार्टी राज्य में करीब 30 से 35 सीटों पर दावेदारी कर सकती है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में मिले समर्थन और युवाओं के बीच बढ़ती लोकप्रियता को विधानसभा में भी दोहराया जा सकता है।


चिराग पासवान की रणनीति: युवा और विकास पर जोर

चिराग पासवान की चुनावी रणनीति इस बार विकास और युवाओं पर केंद्रित है।
उनका कहना है कि पार्टी की प्राथमिकता “नई सोच वाला नया बिहार” है, जहाँ शिक्षा, रोजगार, उद्योग और निवेश के नए अवसर पैदा किए जाएं।

चिराग पासवान ने हाल ही में कहा था —

“हमारा लक्ष्य है कि बिहार को सिर्फ राजनीति की जगह विकास का केंद्र बनाया जाए। हमने जो वादा किया था — ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ — अब वह सिर्फ नारा नहीं, बल्कि जनआंदोलन बन चुका है।”

उन्होंने दावा किया कि पार्टी युवा, किसान और व्यापारी वर्ग के साथ गहराई से जुड़कर चुनावी प्रचार को आगे बढ़ाएगी।


विपक्ष पर हमला, एनडीए पर भरोसा

लोजपा (रामविलास) ने अपने बयान में कहा कि एनडीए की सरकार ने बिहार को स्थिरता और विकास की दिशा दी है, जबकि विपक्ष “अस्थिरता और नकारात्मक राजनीति” में उलझा हुआ है।

पार्टी नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुभव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार को “बुनियादी ढांचे, सड़क, बिजली और औद्योगिक निवेश” के क्षेत्र में नई दिशा मिली है।


राजनीतिक विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि लोजपा (रामविलास) की यह सूची “राजनीतिक संतुलन” साधने की दिशा में पहला कदम है। पार्टी ने जिन जिलों पर उम्मीदवार उतारे हैं, वहाँ पर या तो भाजपा का मजबूत आधार है या जदयू के लिए चुनौतीपूर्ण सीटें हैं।

इससे यह भी संकेत मिलता है कि लोजपा (रामविलास) उन इलाकों में अपनी संगठनात्मक मजबूती दिखाना चाहती है, जहाँ वह 2020 के चुनाव में दूसरे या तीसरे स्थान पर रही थी।


आगे की राह

राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि लोजपा (रामविलास) आने वाले हफ्तों में अपनी दूसरी सूची भी जारी कर सकती है, जिसमें कुछ नए चेहरे और युवा उम्मीदवार शामिल होंगे। पार्टी की योजना है कि हर क्षेत्र में मजबूत और स्थानीय रूप से लोकप्रिय प्रत्याशी उतारे जाएं, ताकि चुनावी मुकाबले में एनडीए का जनाधार और व्यापक हो सके।

लोजपा (रामविलास) की पहली सूची ने बिहार के राजनीतिक समीकरणों में हलचल पैदा कर दी है।
जहाँ एक ओर जदयू और भाजपा पहले से सक्रिय हैं, वहीं चिराग पासवान की पार्टी ने “विकास और स्वाभिमान” की थीम पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की शुरुआत कर दी है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि एनडीए गठबंधन में अंतिम सीट बंटवारा किस रूप में सामने आता है — और आगामी दिनों में बिहार की चुनावी तस्वीर कैसी बनती है।

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