
नई दिल्ली: संसद का वर्तमान मानसून सत्र जहां विधायी चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है, वहीं इसी दौरान देश के 17 सांसदों को लोकसभा में उत्कृष्ट कार्यप्रदर्शन के लिए ‘संसद रत्न अवॉर्ड 2025’ से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। इस प्रतिष्ठित सूची में सुप्रिया सुले (NCP-SP), रवि किशन (BJP), निशिकांत दुबे (BJP) और अरविंद सावंत (Shiv Sena-UBT) सहित कई प्रभावशाली नाम शामिल हैं।
संसदीय लोकतंत्र में योगदान का मिला सम्मान
इन सांसदों का चयन उनके निरंतर संसदीय कार्यों, बहसों में सक्रियता, प्रश्न पूछने की संख्या, निजी विधेयकों और समितियों में भागीदारी जैसे पहलुओं के मूल्यांकन के आधार पर किया गया है। यह अवॉर्ड 16वीं लोकसभा के बाद से निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सांसदों को मान्यता देता है।
चार सांसदों को मिलेगा ‘विशेष जूरी सम्मान’
चार सांसदों को विशेष जूरी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा। ये सांसद तीन या उससे अधिक कार्यकालों से संसद में सक्रिय हैं और इन्होंने संसदीय परंपराओं को सशक्त करने में निरंतर योगदान दिया है। यह सम्मान प्राप्त करने वाले सांसद हैं:
- भर्तृहरि महताब (BJP, ओडिशा)
- एन. के. प्रेमचंद्रन (RSP, केरल)
- सुप्रिया सुले (NCP-SP, महाराष्ट्र)
- श्रीरंग अप्पा बारणे (Shiv Sena, महाराष्ट्र)
अन्य सम्मानित सांसद
सम्मान प्राप्त करने वाले अन्य सांसदों में शामिल हैं:
- स्मिता उदय वाघ (BJP)
- नरेश म्हस्के (Shiv Sena)
- वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस)
- मेधा कुलकर्णी (BJP)
- प्रवीण पटेल (BJP)
- विद्युत बरण महतो (BJP)
- दिलीप सैकिया (BJP)
समिति वर्ग में भी मिला सम्मान
केवल व्यक्तिगत सांसद ही नहीं, बल्कि संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति (अध्यक्षता: भर्तृहरि महताब) और कृषि संबंधी स्थायी समिति (अध्यक्षता: डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी) को भी रिपोर्ट की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में योगदान के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया जाएगा।
‘संसद रत्न अवॉर्ड’ की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के प्रेरणा से 2010 में हुई थी। यह पुरस्कार उन सांसदों को दिया जाता है जो संसदीय प्रक्रियाओं में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।