
वॉशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अपोलो 13 मिशन के कमांडर जिम लवेल का 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। नासा और अमेरिकी अंतरिक्ष समुदाय ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। लवेल को वर्ष 1970 में अपोलो 13 मिशन के दौरान अभूतपूर्व संकट के समय असाधारण नेतृत्व और शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है।
अपोलो 13 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर उतरना था, लेकिन प्रक्षेपण के दो दिन बाद अंतरिक्ष यान में ऑक्सीजन टैंक विस्फोट हो गया। इस हादसे से मिशन पर संकट के बादल मंडराने लगे और चालक दल का जीवन खतरे में पड़ गया। ऐसी स्थिति में, जिम लवेल ने अपने क्रू सदस्यों जैक स्विगर्ट और फ्रेड हैइज़ के साथ मिलकर संसाधनों का कुशल प्रबंधन किया और धरती पर मौजूद नासा टीम के सहयोग से यान को सुरक्षित पृथ्वी पर उतारने में सफलता हासिल की।
यह घटना अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में “सफल असफलता” (Successful Failure) के नाम से प्रसिद्ध हुई, क्योंकि मिशन अपने मूल लक्ष्य तक तो नहीं पहुंच पाया, लेकिन इसमें शामिल तीनों अंतरिक्ष यात्री सकुशल लौट आए। लवेल के नेतृत्व और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को नासा के इतिहास में एक मिसाल माना जाता है।
लवेल का करियर चार अंतरिक्ष उड़ानों से जुड़ा रहा, जिनमें जेमिनी 7, जेमिनी 12, अपोलो 8 और अपोलो 13 शामिल हैं। अपोलो 8 मिशन के तहत वे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने वाले पहले मानव मिशन के दल का हिस्सा थे। अंतरिक्ष विज्ञान और मानव साहस के प्रतीक के रूप में उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले।
नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा, “जिम लवेल न केवल एक महान अंतरिक्ष यात्री थे, बल्कि संकट की घड़ी में साहस और नेतृत्व के प्रतीक भी थे। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।”