
अमरावती | 24 दिसंबर, 2024
भारतीय जनता पार्टी की नेता और पूर्व सांसद नवनीत राणा ने एक बार फिर अपने बयानों से राजनीतिक हलकों में सरगर्मी बढ़ा दी है। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने जनसंख्या वृद्धि और आगामी निकाय चुनावों को लेकर विपक्षी गठबंधन पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने हिंदुओं से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील करते हुए एक विवादास्पद विमर्श छेड़ दिया है।
“हिंदुस्तान को पाकिस्तान बनाने की साजिश”: नवनीत राणा
अमरावती में मीडिया से मुखातिब होते हुए नवनीत राणा ने जनसंख्या असंतुलन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हिंदुओं को अपनी परिवार नियोजन की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने एक कथित मौलाना के बयान का हवाला देते हुए कहा:
“मुझे नहीं पता कि वह मौलाना है या कोई और, लेकिन उसने खुलेआम कहा कि उसकी चार पत्नियां और 19 बच्चे हैं, और वह 30 बच्चों का आंकड़ा पूरा करना चाहता था। वे बड़ी संख्या में बच्चे पैदा करके हिंदुस्तान को पाकिस्तान में बदलना चाहते हैं। ऐसी साजिशों का मुकाबला करने के लिए हम सिर्फ एक बच्चे से क्यों संतुष्ट हो जाएं? मेरी सभी हिंदुओं से अपील है कि हमें कम से कम तीन-चार बच्चे पैदा करने चाहिए।”
राणा ने तर्क दिया कि यदि एक पक्ष जनसांख्यिकीय बदलाव की कोशिश कर रहा है, तो बहुसंख्यक समाज को भी अपनी संख्या बल के प्रति सचेत रहना होगा।
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन पर तंज
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) और अन्य स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर जब उनसे शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच संभावित गठबंधन पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इसे पूरी तरह से सिरे से खारिज कर दिया।
नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘बेबसी का पर्याय’ करार दिया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे का राजनीतिक प्रभाव अब पूरी तरह समाप्त हो चुका है।
राणा के प्रमुख आरोप:
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कार्यकर्ताओं की अनदेखी: उन्होंने दावा किया कि नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के दौरान उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को जमीन पर प्रचार के लिए बाहर तक नहीं निकाला।
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गठबंधन का भविष्य: राणा ने चेतावनी दी कि यदि कोई भी दल (संकेत राज ठाकरे की ओर) उद्धव ठाकरे के साथ हाथ मिलाता है, तो उनका चुनावी प्रदर्शन स्थानीय निकाय चुनाव से भी बदतर होगा।
राजनीतिक मायने और विवाद
नवनीत राणा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों की आहट तेज हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राणा का जनसंख्या संबंधी बयान ध्रुवीकरण की राजनीति को हवा दे सकता है, वहीं उद्धव ठाकरे पर उनका हमला महायुति (BJP-शिवसेना-NCP) और महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच जारी तल्खी को और बढ़ाएगा।
विपक्षी दलों ने राणा के इस बयान की आलोचना करते हुए इसे विकास के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है। हालांकि, भाजपा नेता अपने स्टैंड पर कायम हैं और उन्होंने इसे देश की सुरक्षा और संस्कृति से जुड़ा मुद्दा बताया है।
निष्कर्ष
नवनीत राणा के इन बयानों ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर वह हिंदुत्व के एजेंडे को धार दे रही हैं, वहीं दूसरी ओर वह ठाकरे परिवार के भीतर की दरार और उद्धव ठाकरे की सांगठनिक कमजोरी को उजागर करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। अब देखना यह होगा कि विपक्षी खेमा इन तीखे हमलों का जवाब किस तरह देता है।



