Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को तीन ट्रेनों की एक भीषण ट्रेन दुर्घटना में कम से कम 233 लोगों की मौत हो गई और लगभग 900 लोग घायल हो गए. मौके पर बचाव कार्य जारी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. तीन ट्रेनों की दुर्घटना शुक्रवार शाम कोलकाता से 250 किमी दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किमी उत्तर में बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुईं. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस हावड़ा जा रही थी, तभी कई डिब्बे पटरी से उतरकर बगल की पटरियों पर गिर गए. शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, चेन्नई जाते वक्त, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गई। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बे एक मालगाड़ी के डिब्बों से टकरा गए.
आखिर हादसे की वजह क्या हो सकती है? इस तरह की हादसे की वजह मानवीय और तकनीकी भी हो सकती है. ओडिशा ट्रेन हादसे के पीछे तकनीकी खराबी को एक वजह माना जा रहा है. मीडिया रिपोट्स् के मुताबिक सिग्नल की खराबी की वजह से ट्रो ट्रेनें एक ही ट्रेक पर आ गईं. समझते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है.दरअसल ट्रेन ड्राइवर को लगतार कंट्रोल रूम से निर्देश मिलते हैं जिसके आधार पर वह गाड़ी को चलाता है. रेलवे कंट्रोल रूम में एक बड़ी स्क्रीन लगी होती है. स्क्रीन पर हरे और लाल रंग के माध्यमों से यह दिख रहा होता है कि पटरी पर ट्रेन है और किस पर नहीं है.
अगर पटरी पर ट्रेन चल रही है तो लाल रंग दिखता है और अगर ट्रैक खाली है तो हरी लाइट दिखती है. इस स्क्रीन को देखकर ट्रेन ड्राइव को निर्देश दिए जाते हैं. ओडिशा हादसे को लेकर अनुमान जताया जा रहा है कि स्क्रीन पर ट्रेन का सही सिग्नल नहीं दिखाई दिया जिसकी वजह से यह हादसा हुआ.