
विशेष रिपोर्ट | देहरादून/अल्मोड़ा | 22 दिसंबर 2025 उत्तराखंड और पूर्वोत्तर भारत के लिए आज का दिन नीतिगत निर्णयों और जन-जागरूकता के लिहाज से ऐतिहासिक रहा। जहाँ एक ओर अल्मोड़ा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को ‘खेलभूमि’ का उपहार दिया, वहीं देहरादून में किसानों के डिजिटलीकरण (AgriStack) के लिए बड़ा कदम उठाया गया। दूसरी ओर, शिलॉन्ग में पद्मश्री डॉ. बी.के.एस. संजय ने सड़क सुरक्षा को लेकर देश को आगाह किया।
1. अल्मोड़ा: खेल संस्कृति का नया अध्याय, CM धामी की बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अल्मोड़ा में ‘सांसद खेल महोत्सव’ का भव्य शुभारंभ किया। “फिट युवा फॉर विकसित भारत” की थीम पर आधारित इस महोत्सव के माध्यम से सीएम ने राज्य की खेल प्रतिभाओं के लिए सुविधाओं का पिटारा खोल दिया।
प्रमुख घोषणाएं और विकास कार्य:
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आर्टिफिशियल टर्फ मैदान: अल्मोड़ा के जी.आई.सी. ग्राउंड में हॉकी और फुटबॉल के लिए डे-नाइट बहुउद्देशीय मैदान बनेगा।
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छात्रावास निर्माण: हेमवती नंदन बहुगुणा स्टेडियम में 50 बेड की क्षमता वाला आधुनिक छात्रावास बनेगा।
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स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान: राज्य के 8 शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी।
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महिला स्पोर्ट्स कॉलेज: लोहाघाट में विशेष रूप से महिला खिलाड़ियों के लिए कॉलेज स्थापित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तराखंड अब केवल देवभूमि नहीं, बल्कि खेलभूमि के रूप में विश्व पटल पर उभर रहा है। 38वें राष्ट्रीय खेलों में 103 पदक जीतकर हमारे खिलाड़ियों ने इतिहास रचा है।”
2. एग्रीस्टैक (AgriStack): अब 11 अंकों की ‘फार्मर आईडी’ से लैस होंगे उत्तराखंड के किसान
देहरादून में राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में ‘फार्मर रजिस्ट्री’ कार्य का रोडमैप तैयार किया गया। सचिव श्री एस.एन. पाण्डेय और आयुक्त श्रीमती रंजना राजगुरू की अध्यक्षता में भारत सरकार के विशेषज्ञों ने ‘एग्रीस्टैक’ योजना की बारीकियां साझा कीं।
क्या है फार्मर आईडी और इसके लाभ?
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डिजिटल पहचान: हर किसान को 11 अंकों की एक यूनिक डिजिटल आईडी मिलेगी।
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पारदर्शिता: आपदा राहत, कृषि सब्सिडी, फसल ऋण और बीमा योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिलेगा।
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पीएम किसान योजना: प्रथम चरण में पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की रजिस्ट्री होगी ताकि आगामी किस्तों में कोई बाधा न आए।
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सफल परीक्षण: कालसी और त्यूनी तहसील के गांवों में इसका सफल परीक्षण (PoC) पहले ही किया जा चुका है।
3. रोड सेफ्टी: “सड़क दुर्घटनाएं एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल”
शिलॉन्ग के NEIGRIHMS संस्थान में आयोजित सेमिनार में पद्मश्री प्रो. डॉ. बी. के. एस. संजय (अध्यक्ष, एम्स गुवाहाटी) ने सड़क सुरक्षा पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को केवल पुलिस रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं, बल्कि एक ‘पब्लिक हेल्थ प्रायोरिटी’ माना जाना चाहिए।
विशेषज्ञों की चेतावनी:
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मानवीय भूल: प्रो. संजय के अनुसार, 90% दुर्घटनाएं ड्राइवर की लापरवाही का परिणाम हैं।
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मृत्यु दर: मेघालय में सड़क दुर्घटना मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जो चिंता का विषय है।
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जीवन रक्षक उपकरण: डॉ. गौरव संजय ने स्पष्ट किया कि हेलमेट और सीट बेल्ट सिर की चोटों (Head Injuries) और अकाल मृत्यु को रोकने के सबसे प्रभावी हथियार हैं।
विश्लेषण: युवा, किसान और सुरक्षा – विकसित भारत के तीन स्तंभ
आज की ये तीनों खबरें एक बड़े विजन की ओर इशारा करती हैं। अल्मोड़ा से खेल प्रतिभाओं को तराशने की कोशिश, देहरादून से किसानों को डिजिटल शक्ति देने का अभियान और शिलॉन्ग से नागरिकों के जीवन की रक्षा का आह्वान—ये सभी कड़ियाँ ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को मजबूती प्रदान करती हैं।
सरकार जहाँ एक ओर बुनियादी ढांचा (Infrastructure) और डिजिटल इकोसिस्टम (Digital Ecosystem) पर काम कर रही है, वहीं विशेषज्ञ समाज को जिम्मेदार व्यवहार (Responsible Behavior) अपनाने की सलाह दे रहे हैं।



