
देहरादून | उत्तराखंड में स्वास्थ्य आपात प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के तहत हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (HEOC) का निर्माण तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निरंतर मार्गदर्शन में यह परियोजना राज्य की स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली को एक नई दिशा और मजबूती देने जा रही है।
यह महत्वाकांक्षी परियोजना प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के अंतर्गत केंद्र सरकार की स्वीकृति से देहरादून स्थित महानिदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिसर में स्थापित की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, यह केंद्र जनवरी 2026 के अंत तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा और इसके बाद औपचारिक रूप से राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा।
केंद्र सरकार की टीम ने किया निरीक्षण, कार्यप्रणाली पर संतोष
HEOC निर्माण कार्य की गुणवत्ता और प्रगति का आकलन करने के लिए भारत सरकार की एक उच्चस्तरीय टीम ने हाल ही में देहरादून का दौरा किया। टीम ने निर्माणाधीन केंद्र का निरीक्षण कर महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. सुनीता टमटा से विस्तृत चर्चा की। इसके बाद नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह के साथ निर्माण स्थल का प्रत्यक्ष अवलोकन किया गया।
निरीक्षण के दौरान केंद्र सरकार की टीम ने परियोजना की संरचना, डिज़ाइन, निर्माण गुणवत्ता और कार्य गति पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही राज्य सरकार द्वारा अपनाई जा रही पारदर्शी और व्यवस्थित कार्यप्रणाली की सराहना की गई। अधिकारियों का मानना है कि यह निरीक्षण न केवल परियोजना की विश्वसनीयता को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर HEOC को राष्ट्रीय स्तर का मॉडल संस्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत सरकार की टीम में डॉ. सैयद जुल्फेकार अहमद (क्षेत्रीय निदेशक, ROHFW लखनऊ), डॉ. निश्चय केशरी (चिकित्सा अधिकारी), आशिष (परामर्शदाता) और हेमंत नेगी शामिल थे। राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ. पंकज सिंह और डॉ. सुजाता सिंह भी उपस्थित रहीं।
जनवरी 2026 तक पूर्ण होगा HEOC
स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने बताया कि HEOC निर्माण का लगभग 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य भी निर्धारित समय-सीमा के अनुसार प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जनवरी 2026 के अंत तक यह केंद्र पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।
इसके बाद इसे औपचारिक रूप से केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग, उत्तराखंड को सौंपा जाएगा। राज्य सरकार ने इसके संचालन को लेकर पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत प्रशिक्षित और अनुभवी अधिकारियों को आपदा प्रबंधन, महामारी नियंत्रण और स्वास्थ्य आपात प्रतिक्रिया से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि केंद्र के शुरू होते ही यह पूरी क्षमता के साथ कार्य कर सके।
आपदा और महामारी प्रबंधन में मील का पत्थर
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि HEOC की स्थापना से उत्तराखंड स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के एक नए युग में प्रवेश करेगा। यह केंद्र न केवल भूकंप, बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा, बल्कि कोविड-19 जैसी महामारियों से मिले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए भविष्य की चुनौतियों से निपटने में भी सक्षम होगा।
HEOC को अत्याधुनिक निगरानी, डेटा विश्लेषण और निर्णय सहायता प्रणाली से सुसज्जित किया जा रहा है। इससे
- संभावित स्वास्थ्य खतरों की समय रहते पहचान
- जिलों के बीच बेहतर समन्वय
- संसाधनों का त्वरित आवंटन और प्रबंधन
सुनिश्चित किया जा सकेगा।
निष्कर्ष
हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (HEOC) उत्तराखंड के लिए केवल एक भवन नहीं, बल्कि भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा की रीढ़ बनने जा रहा है। आपदा, महामारी और स्वास्थ्य आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया, तकनीक-सक्षम निगरानी और बेहतर समन्वय के साथ यह केंद्र राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को नई ऊर्जा और मजबूती देगा।
सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि HEOC के माध्यम से उत्तराखंड को अधिक सुरक्षित, सक्षम और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित किया जाए।



